Damages Recovery From PFI: प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI से नुकसान वसूली करने में नाकाम रहने पर केरल सरकार ने हाई कोर्ट से माफी मांग ली है. केरल सरकार ने कहा कि अदालत के आदेश को लागू करने में जानबूझकर कोई विफलता नहीं की गई है. हालांकि, वह पीएफआई से नुकसान की भरपाई करने में नाकाम रही.
केरल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) वी. वेणु ने शुक्रवार (23 दिसंबर) को अदालत से इसके लिए और समय देने की अपील की. उन्होंने अदालत को सरकार की ओर वसूली के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में भी बताया और थोड़ा अतिरिक्त समय मांगा. उन्होंने कहा, "वसूली के लिए सभी कदम 15 जनवरी से पहले किए जाएंगे. सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए एक महीने का समय दिया जाए."
सरकार के रवैये से HC नाराज
सरकार के रवैये पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई. अदालत ने कहा, "राज्य सरकार को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाना चाहिए और मामले को बाद की तारीख तक के लिए टालने से बचना चाहिए." कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि पहले के निर्देशों के अनुपालन के लिए दिया गया समय 31 जनवरी से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. बता दें कि न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति सीपी मोहम्मद नियास की खंडपीठ ने पीएफआई के खिलाफ कार्यवाही का स्वत: संज्ञान लिया था.
PFI से वसूलने हैं 5.20 करोड़ रुपये
PFI से हुए नुकसान का ब्यौरा पीठ ने सरकार से मांगा था. राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि पिछले दिनों NIA की कार्रवाई के विरोध में 23 सितंबर को PFI के हिंसक प्रदर्शनों से 5.20 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ था. जिसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को पीएफआई से नुकसान की वसूली करने का आदेश दिया था. हिंसा के एवज में वसूली में देरी करने पर हाईकोर्ट ने कहा था कि हिंसा फैलाने वालों से सरकार को सख्ती से पेश आना चाहिए.
ये भी पढ़ें- NIA Raids in kashmir: कई जगहों पर NIA की ताबड़तोड़ छापेमारी, आतंकियों के मददगार निशाने पर