Operation Octopus: PFI के खिलाफ हो रही कार्रवाई का नाम है 'ऑपरेशन ऑक्टोपस', जानें जांच में क्या कुछ आया सामने
NIA Action On PFI: पीएफआई (PFI) के खिलाफ देशभर में NIA ने एकसाथ 15 राज्यों में रेड डाली. कई घंटों तक PFI के ठिकानों पर NIA और ईडी का ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन जारी रहा था.
NIA's Operation Octopus: नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पीएफआई (PFI) के खिलाफ देशभर में बड़ी कार्रवाई करते हुए कई जगहों पर छापेमारी अभियान चलाया था. सूत्रों से पता चला है कि पीएफआई पर कार्रवाई का नाम 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' (Operation Octopus) रखा गया है. इस मामले में पीएफआई को लेकर अब लगातार कई बड़े खुलासे हुए हैं.
'ऑपरेशन ऑक्टोपस' के तहत 22 सितंबर को 11 राज्यों में एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस की एक संयुक्त टीम ने छापे मारे थे. कुल 96 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 106 से ज्यादा पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किए गए लोगों में PFI के चेयरमैन ओएमए सलाम, वाइस चेयरमैन ईएम अब्दुल रहीम, नेशनल सेक्रेटरी नजरुद्दीन इलामरम, केरल का स्टेट चीफ सीपी मुहम्मद बशीर, नेशनल काउंसिल मेंबर प्रोफेसर पी कोया और एसडीपीआई का फाउंडिंग प्रेसिडेंट अबु बकर भी शामिल है.
ऑपरेशन ऑक्टोपस में कई बड़े खुलासे
इस ऑपरेशन के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ सालों में पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों के अकाउंट्स में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा हुए हैं. इनमें से ज्यादातर हिस्सा कैश में जमा हुआ जो अज्ञात और संदिग्ध स्रोतों से था. विदेश से भी कैश जमा किए गए थे. इस फंड से गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है.
जांच में क्या कुछ आया सामने
- ईडी की छापेमारी के बाद पीएफआई मेंबर मोहम्मद अहमद बेग (Mohammad Ahmed Baig) को लखनऊ (Lucknow) से यूपी एटीएस (UP ATS) ने गिरफ्तार किया है.
- ईडी (ED) की जांच में पता चला है कि पीएफआई (PFI) ने विदेश में फंड इकट्ठा किया और उसे अवैध तरीके से भारत भेजा, जिससे वह फॉरेन फंडिंग से जुड़े कानून से बच सके.
- पीएफआई के सदस्य दूसरे राज्यों से आकर मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ने का काम कर रहे थे. प्रदेश में सक्रिय पीएफआई के सदस्य लोगों को भ्रमित कर देश विरोधी गतिविधियों के लिए उकसा रहे थे.
- लखनऊ से पकड़े गए वसीम अहमद के पास से एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन,एक डायरी, बैंक पासबुक आदि बरामद किया गया है. लैपटॉप से कई जानकारी हाथ लगी हैं.
बता दें कि, झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर बीते तीन दशक से नक्सलियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ (Budha Pahar) को नक्सलियों से पूरी तरह से मुक्त कराने के लिए भी 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' नाम दिया गया था. इस ऑपनेशन में अलग-अलग तरह की 106 लैंडमाइन और भारी मात्रा में विस्फोटक जब्त किए गए.
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