जयपुर: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा को एक बार फिर नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है.
यह नोटिस केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दर्ज करवाए गए मामले में भेजा गया है. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में शर्मा को एक नया नोटिस भेज 12 नवंबर को जांच अधिकारी के सामने हाजिर होने को कहा है.
शर्मा को तीसरी बार किया तलब
सूत्रों के अनुसार तीसरी बार है जब दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने शर्मा को तलब किया है. तीसरा नोटिस इस बयान के साथ है कि नोटिस की शर्तों की तामील/अनुपालन करने में विफलता भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी की धारा 41 ए(3) और (4) के तहत गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार बना सकती है.
जांच अधिकारी ने नोटिस में कहा कि इस बात का उचित संदेह है कि शर्मा ने संज्ञेय अपराध किया है और उन्हें 12 नवंबर को दिल्ली में अपराध शाखा में अपने जांच अधिकारी (आईओ) के सामने पेश होने का निर्देश दिया. नोटिस के साथ वर्णित दस शर्तों में भविष्य में कोई अपराध नहीं करना, सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करना, मामले के तथ्यों से परिचित किसी व्यक्ति को कोई धमकी, प्रलोभन या वादा नहीं करना शामिल है.
13 जनवरी तक शर्मा के खिलाफ कार्रवाई पर रोक
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इससे पहले शर्मा को इस मामले में पूछताछ के लिए 24 जुलाई और 22 अक्टूबर को पेश होने के लिए पहला नोटिस भेजा था लेकिन वह व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए. पहले दो नोटिस सीआरपीसी की धारा 160 के तहत थे, जिसमें उन्हें जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था और तीसरा नोटिस सीआरपीसी की धारा 41.1 (ए) के तहत कुछ शर्तों और बयान के साथ है कि नोटिस की शर्तों का पालन करने में विफलता उन्हें गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार बना सकती है.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री शेखावत ने फोन टैपिंग मामले में शर्मा और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और गैरकानूनी तरीके से टेलीग्राफिक सिग्नल (टेलीफोनिक बातचीत) को इंटरसेप्ट करने के आरोप में शिकायत 25 मार्च को दर्ज करवाई थी जिसके आधार पर एक मामला दर्ज किया गया. दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 जनवरी तक शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने पर रोक लगाई हुई है.
शर्मा ने फोन टैपिंग में संलिप्तता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने तो केवल सोशल मीडिया पर उपलब्ध क्लिप को फारवर्ड किया था ताकि कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र का खुलासा हो.
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