Rajasthan Phone Tapping Case: विधायकों के फोन टैपिंग के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) सख्त हो गई है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और उनके ओएसडी लोकेश शर्मा को नोटिस भेजा है. उनको शनिवार को दिल्ली पुलिस के सामने पेश होने के निर्देश दिए गए हैं.  


दरअसल, सचिन पायलट के खेमे के विधायकों की बगावत के दौरान लोकेश शर्मा ने कथित तौर पर विधायकों की रिकॉर्डिंग शेयर की थी. जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में विधायकों की फोन टैपिंग को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. अब इसी एफआईआर के आधार पर शर्मा को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नोटिस दिया है. सूत्रों के मुताबिक शर्मा अभी उदयपुर में है और वापस जयपुर लौट रहे हैं. 


कांग्रेस के फोन टैपिंग में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत क्यों दे रहें हैं दखल ?
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अशोक गहलोत के गृह जिले से जोधपुर से हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को करारी शिकस्त दी थी. पिछले साल जून में जब कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने खेमे के विधायकों के साथ बागी सुर अपनाए हुए थे. उसी समय सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी ने शेखावत की कॉल रिकॉर्डिंग वायरल कर दी थी. यह ऑडियो आधिकारिक रूप  से मीडिया में जारी किया गया था. जिस की प्रतिक्रिया में शेखावत ने दिल्ली में शर्मा के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था.


रिकॉर्डिंग में क्या था ? 
राजस्थान कांग्रेस और उसकी सरकार में संकट जुलाई 2020 में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, तत्कालीन राजस्थान पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के बीच फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग के बाद शुरू हुआ था. ऑडियो क्लिप प्रसारित होने के एक दिन बाद, राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह ने राज्य सरकार को कथित रूप से गिराने की कोशिश करने के लिए शेखावत और शर्मा के खिलाफ एक प्राथमिकी के लिए आधार के रूप में ऑडियो का इस्तेमाल किया था.मुख्यमंत्री गहलोत ने उस समय दावा किया था कि मंत्रियों और विधायकों के फोन टैप उनकी सरकार द्वारा नहीं किए गए हैं.


क्या बोले थे अशोक गहलोत ?
एबीपी न्यूज को जुलाई में दिए गए इंटरव्यू में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि, “ देखिए हमारे यहां कायदा नहीं होता है कि किसी एमएलए या मंत्री का फोन टैप करें.” उन्होंने ये भी कहा था कि यदि ऑडियो क्लिप फेक होने के आरोप सही साबित गए तो वह रिजाइन कर देंगे और राजनीति ही छोड़ देंगे. उन्होंने कहा था कि, “अगर मैं झूठी टैप बनवाऊं लोगों की, अपने हित के अंदर, सरकार बचाने के लिए, तो मेरा मोरल अधिकार है क्या कि मैं सरकार में बना रहूं.”




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