नई दिल्ली: नेशनल ओलंपिक चैंपियन सुशील कुमार की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की आधा दर्जन टीम काम कर रही है. लेकिन पुलिस को अभी तक कामयाबी नहीं मिली है. एबीपी न्यूज़ के हाथ सुशील पहलवान की वारदात के बाद की पहली तस्वीर हाथ लगी है. इस तस्वीर में सुशील एक गाड़ी में बैठा दिख रहा है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये तस्वीर मेरठ टोल की 6 मई की है, जबकि छत्रसाल स्टेडियम में 4 और 5 मई रात को हुई थी.


पुलिस सूत्रों के मुताबिक फिलहाल सुशील दिल्ली के आसपास ही कहीं छिपा हुआ हो सकता है. पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि सुशील हरियाणा के बहादुरगढ, झज्जर और दिल्ली के नजफगढ़ में ही छिपा हुआ था और लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था. इतना ही नहीं सुशील कुमार बेहद प्रोफ़ेशनल तरीके से पुलिस जो चकमा दे रहा है. 


हाल ही में उसने इस्तेमाल किये हुए सिम को अपने एक जानकार को दे दिया. जिसने उस सिम को दिल्ली की तरफ आकर बीच रास्ते में ऑन किया. जिससे पुलिस की जांच को भटका सके. हाल ही में पुलिस ने दिल्ली के एक दुकानदार से पूछताछ की, जिसके यहां से इशू सिम को सुशील कुमार ने वारदात के बाद इस्तेमाल किया था. इस दुकानदार ने पुलिस को बताया कि उसने काले नाम के शख्स को वो सिम दिया था. पुलिस ने जब काले से पूछताछ की तो उसने बताया कि सुशील के एक रिश्तेदार को उसने ये सिम दिया था.


सूत्रों का कहना है कि वो रिश्तेदार भी फिलहाल अभी फरार चल रहा है. सूत्रों का ये भी कहना है की सुशील के रिश्तेदार उसकी लगातार मदद कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के बहादुरगढ़ से भी 4 सिम खरीदे गए थे, जिन्हें सुशील कुमार ने इस्तेमाल किया था. सुशील ने इनमें से किसी भी सिम को 2 दिन से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया. पुलिस को शक है कि वो बॉर्डर पार कर नेपाल भी भाग सकता है. इसलिए पुलिस वहां भी नज़र बनाये हुए है. 


अग्रिम जमानत की याचिका अदालत से हो चुकी है खारिज 


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल के साथ लोकल पुलिस की कई टीमें सुशील कुमार की तलाश कर रही हैं. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार के खिलाफ एलओसी जारी की थी और फिर सुशील कुमार के ऊपर 1 लाख रुपये का इनाम रख दिया था. सुशील कुमार की अग्रिम जमानत की याचिका भी अदालत खारिज कर चुकी है.