नई दिल्ली: दिल्ली वालों के लिए खुली हवा में सांस लेना दूभर हो गया है. दिल्ली में प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है कि सरकार को एहतियातन कई विशेष कदम उठाने पड़े हैं. स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है, किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी गई है. इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिल्ली और इसके आस पास के शहरों की तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें दिल्ली की भयावह स्थिति की सच्चाई बयान की गई है.


दिल्ली में प्रदूषण को लेकर नासा ने सात नवंबर को सैटेलाइट की तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में दिल्ली में प्रदूषण का असर साफ देखा जा सकता है. इस तस्वीर में जहां पाकिस्तान दिख रहा है वहां पर कोहरा है लेकिन जैसे ही आप भारत की तरफ बढ़ना शुरू करते हैं प्रदूषण और धुंध का असर साफ दिखने लगता है.


इन तस्वीरों में पाकिस्तान के शहर लाहौर से लेकर भारत के पटना तक धुंध का असर दिखाई दे रहा है. हैरानी की बात ये है कि इन तस्वीरों में धुंध का सबसे ज्यादा असर नई दिल्ली पर दिखाई दे रहा है.


कितना खतरनाक है दिल्ली का ये प्रदूषण?
गुरुग्राम सिविल अस्पताल के पीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया, "आसमान में छाई इस जहरीली सफ़ेद चादर में कार्बनडाइ ऑक्साइड, कार्बनमोनो ऑक्साइड, सल्फरडाइ ऑक्साइड का मिक्स्चर होता है जो की काफी हानिकारक गैस है. ठंड की वजह से ये सारी गैस ऊपर उड़ने के बजाय जमीन से पास ही रहती है, जो हमारे फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक है. इसकी वजह से हमारे शरीर में ऑक्सीज़न की कमी होती है, जिससे फेफड़ों के साथ-साथ दिल पर भी बहुत असर पड़ता है.''


सिगरेट नहीं पीने वालों को भी मिल रहा 25 सिगरेट जितना धुआं
डॉ. प्रदीप कुमार के मुताबिक, ''धुंद अगर वातावरण में छाई रही तो दिल के मरीज, दमे के मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकती है. सबसे बड़ी बात तो ये है कि जो व्यक्ति धूम्रपान भी नहीं करता उसके शरीर में भी 20 से 30 सिगरेट पीने से जाने वाला धुआं धुंध से जा रहा है.''


कैसे करें बचाव?
डॉक्टर के अनुसार इससे बचाव के लिए धुंध वाले वातावरण में ना जाएं, अगर जाएं तो मास्क लगाकर जाएं. सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग जो सुबह सैर के लिए जाते हैं वो सुबह की बजाय शाम को जाएँ जब मौसम साफ हो तब जाएं. मौसम विभाग और सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें.


नोट: स्टोरी में ऊपर जो तस्वीरें हमने शेयर की हैं वो नासा के जरिए जारी की गई हैं. इसमें जो नक्शा दिखाया गया है उसे भी नासा ने ही जारी किया है.