जम्मू: जम्मू-कश्मीर के रामबन ज़िले में शनिवार सुबह आतंकियों से हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया. इस ऑपरेशन को कवर करने पहुंची एबीपी न्यूज़ की टीम आतंकियों और सुरक्षाबलों के फाइनल असॉल्ट के दौरान मारे गए आतंकियों से महज़ 30 मीटर की दूरी पर करीब 15 मिनट तक फसी रही.फायरिंग से बचने के लिए टीम सीआरपीएफ के एक ट्रक के नीचे करीब 15 मिनट तक लेटी रही.
दरअसल, इससे पहले कि कंधो पर बैग उठाये तीनों आतंकी बस में बैठ पाते इनपर कुछ लोगों को शक हो गया और उन्होंने इसकी सूचना बस स्टैंड के पास ही गश्त कर रहे सेना की रोड ओपनिंग पार्टी को दी, जो आतंकियों की तरफ भागे. लेकिन, इससे पहले कि सुरक्षाबलों के जवान इन आतंकियों को घेर पाते इन आतंकियों ने ग्रेनेड फेंके और फायरिंग की आड़ में पास ही के चकवा नाले की तरफ भागे. सुरक्षाबलों ने जब उस नाले को घेरा तो यह आतंकी जम्मू डोडा की सड़क की तरफ भागे और एक घर में छिप गए, जहां यह एनकाउंटर शुरू हुआ.
जैसे ही सुरक्षाबलों ने इस घर को घेरा आतंकियों ने फायरिंग शुरू की. सुरक्षाबलों ने पूरे घर को घेर लिया और आतंकियों को उलझाए रखा. साथ ही सुरक्षा बलों ने इस घर के आस पास के घरों से सभी लोगो को सुरक्षित निकला. लेकिन, जिस घर में आतंकी छिपे थे उस घर के मालिक को आतंकियों ने बंधक बना लिया था.
जम्मू कश्मीर: एक दिन में तीन हमले, रामबन और गांदरबल में 6 आतंकी ढेर, सेना का एक जवान भी शहीद
आसपास के घरों से लोगों को सुरक्षित निकालने के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा लेकिन फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने भी चारों तरफ से इस घर में छिपे आतंकियों को निशाना बनाया और भारी गोलीबारी की. सुरक्षाबलों की गोलीबारी से आतंकी घबरा गए और उन्होंने वहां से भागने की नाकाम कोशिश की और इसी कोशिश में तीनो आतंकी मारे गए.
मारे गए आतंकियों की पहचान हारुन, ज़ाहिद और ओसामा के रूप में हुई है. इस ऑपरेशन में सेना का एक जवान शहीद हो गया है, जबकि जम्मू कश्मीर पुलिस के 3 जवान घायल हैं. सुरक्षाबलो ने आतंकियों द्वारा बन्धक बनाये गए शख्स को भी बचा लिया गया. इस मुठभेड़ में शहीद हुए नाइक राजेंद्र सिंह मोहनगढ़ जैसलमेर के रहने वाले हैं.