नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले हिंसा का मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत के सामने पहुंच गया है. बंगाल में चुनाव से पहले हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका कर्ता ने विपक्षी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की मांग है.
इसके साथ ही राज्य में हुई कार्यकर्ताओं की हत्या पर राज्य सरकार से रिपोर्ट लेने की भी मांग है. चुनाव में अर्धसैनिक बलों की नियुक्ति, फ़र्ज़ी मतदाताओं के नाम लिस्ट से हटाने की मांग भी याचिका में कई गई है.
याचिकाकर्ता वकील विनीत ढांडा हैं जो कई मसलों पर PIL दाखिल करते रहे हैं. उन्होंने राफेल सौदे और दिशा सालियान मौत पर भी सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की थी.
बंगाल में राजनीतिक हिंसा को लेकर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस लंबे समय से आमने-सामने हैं. बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधती रही है. पिछले दिनों जब बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर बंगाल में हमला हुआ तो ये लड़ाई और बढ़ गई.
नड्डा के काफिले पर हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ा रुख़ अपनाया और बंगाल में तैनात तीन अधिकारियों को डेपुटेशन पर बुलाने का फ़ैसला ले लिया. इसको लेकर भी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं.
ममता ने केंद्र सरकार पर फेडरल सिस्टम के ख़िलाफ़ जाने का आरोप लगाया है. उधर गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले हफ़्ते अपने बंगाल के दौरे में वहां की क़ानून-व्यवस्था को लेकर ममता सरकार पर निशाना साधा था.
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