नई दिल्ली: जीएसटी के विरोध मे बॉम्बे हायकोर्ट मे एक जनहित याचिका दायर हुई है. इस याचिकापर 29 जून को सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता डॉ. के एस पिल्ले का आरोप है के सरकार जीएसटी लागू करने मे जल्दबाजी कर रही है.


वास्तविक रूप से अगर लागू करना है तो इसे साल 2018-18 के वित्तीय बजेट के बाद लागू करना चाहिए. वित्तीय साल के बिच मे ही लागू करने से लोगोपर और अर्थव्यवस्थापर इसका बुरा असर पडेगा.


क्या है जीएसटी?
30 जून की आधी रात जब घड़ी की सुई आगे बढ़ेगी और 1 जुलाई का स्वागत करेगी तब भारतीय इतिहास भी कर व्यवस्था की दृष्टि से एक नए युग में दाखिल होगा तब एक देश एक कर लागू हो चुका होगा.


1 जुलाई से लागू होने जा रहे जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स का मतलब है एक सामान पर पूरे देश में एक ही टैक्स लगेगा. इससे सामान पूरे देश में एक ही कीमत पर मिलेगा और भारत सिंगल मार्केट देश बन जाएगा.


केंद्र और राज्य सरकारों के 17 टैक्स को मिलाकर एक ही टैक्स जीएसटी लगेगा. बेचने और खरीदने वाले जीएसटी के दायरे में आएंगे. जीएसटी लागू होने से सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स, वैट जैसे टैक्स खत्म हो जाएंगे.


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