Happy Birthday Varun Gandhi: संजय गांधी और मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी का आज (13 मार्च) जन्मदिन है. उनका जन्म 13 मार्च 1980 में हुआ था. कहने को वह सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के आलाकमान परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन एक ऐसा समय भी आया था जब मेनका को वरुण के साथ घर छोड़ना पड़ा था. तब वरुण महज दो साल के थे और मेनका आधी रात को उन्हें लेकर घर छोड़कर चली गईं थीं. इसके बाद मेनका बीजेपी में शामिल हो गई थीं और अब वरुण भी बीजेपी सांसद हैं. हालांकि, उनके राजनीतिक तेवर सभी राजनेताओं से हटके हैं. 


वरुण गांधी एक ऐसे राजनेता हैं जो सही और गलत के लिए अपनी ही पार्टी के खिलाफ भी बोल सकते हैं और अच्छे काम की सराहना करने के लिए वह खुले मंच से विपक्ष की तारीफ भी कर सकते हैं. वरुण पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए तीसरे कार्यकाल के सदस्य हैं और उन्हें मार्च 2012 में महासचिव के रूप में राजनाथ सिंह की टीम में शामिल किया गया था. 


चाहे बढ़ती हुई महंगाई हो या बेरोजगारी वरुण गांधी बीजेपी को ही कई बार आड़े हाथ ले चुके हैं. अपनी ही सरकार के खिलाफ बेखौफ होकर आम जनता के पक्ष में आवाज उठाने के लिए बीजेपी के युवा सांसद वरुण की कई बार सराहना की जा चुकी है. अपनी पार्टी के विरोध में बोलना ही नहीं, बल्कि वह विपक्ष की तारीफ करने से भी खुद को रोक नहीं पाते हैं. खुले मंच से वह कई बार अखिलेश यादव की तारीफ कर चुके हैं. 


पीलीभीत से जुड़ाव काफी पुराना 


पीलीभीत से वरुण गांधी का आज का जुड़ाव नहीं है, बल्कि उनके जन्म के तीन साल बाद से ही उनकी मां मेनका गांधी का इस जगह से जुड़ाव रहा है. दरअसल, मेनका गांधी ने पहला लोकसभा चुनाव 1989 में इसी सीट से लड़ा था. पीलीभीत जिले को मेनका और वरुण की कर्मस्थली के तौर पर माना जाता है. साल 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान मां ने अपने बेटे को इस सीट से चुनावी समर में उतारा था जिसमें वह रिकार्ड मतों से सांसद चुने गए थे. 


अपनी कर्मस्थली सहेजे हुए हैं वरुण


हालांकि, साल 2014 में उन्होंने सुल्तानपुर सीट से चुनाव लड़ा और मां मेनका ने एक बार फिर पीलीभीत से चुनाव लड़ा था. इसके बाद फिर साल 2019 में वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद चुने गए थे. वरुण ने बड़े ही प्यार से अपनी कर्मस्थली को सहेज कर रखा हुआ है. पार्टी संगठन के साथ भी उनका तालमेल काफी मजबूत है. 


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