राजस्थान में पायलट खेमे के विधायक ने पूछा- जब पंजाब में सिद्धू को सुना जा सकता है तो सचिन पायलट को क्यों नहीं?
पायलट के करीबी करीब आधा दर्जन विधायकों ने गुरुवार को सिविल लाइन्स स्थित उनके निवास पर उनसे मुलाकात की. इससे पहले पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की पायलट से मुलाकात के बाद विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर और रामनिवास गवारिया पायलट से मिले.
जयपुर: पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की नाराजगी की खबरों के बीच उनके समर्थक विधायकों ने उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों के समाधान पर देरी को लेकर नाराजगी जताई है. पायलट के करीबी करीब आधा दर्जन विधायकों ने गुरुवार को सिविल लाइन्स स्थित उनके निवास पर उनसे मुलाकात की.
सूत्रों के अनुसार इससे पूर्व दिन में पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की पायलट से मुलाकात के बाद विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर और रामनिवास गवारिया पायलट से मिले. विधायक राकेश पारीक भी पायलट के निवास पर पहुंचे.
'पार्टी की मजबूती के लिए उठा रहे हैं आवाज'
चाकसू (जयपुर) से विधायक सोलंकी ने कहा कि ‘‘हम सब अपनी आवाज पार्टी की मजबूती के लिये उठा रहे है. जो पार्टी के प्रति हमारी निष्ठा पर सवाल उठाते हैं, वे पार्टी के शुभचिंतक नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को पायलट को सुनना चाहिए और पंजाब की तर्ज पर मामले का समाधान करना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ‘‘ पंजाब में (नवजोत) सिद्धू की सुनवाई 10 दिन के अंदर हो गई लेकिन राजस्थान में 10 महीने के बाद भी सचिन पायलट द्वारा उठाये गये मुद्दो का समाधान नहीं हुआ. जब पंजाब में सिद्धू को 10 दिन में सुना जा सकता है.. तो पायलट को क्यों नहीं ?’’
पायलट के साथ मुलाकात के बाद सोलंकी ने कहा, ‘‘ हमारे द्वारा उठाई गई मांगों पर कोई चर्चा या सुनवाई नहीं हुई है.’’ सोलंकी ने कहा कि ‘‘यदि मुख्यमंत्री पायलट खेमे के लोगों की बात पर विचार नहीं करना चाहते तो उन्हें अपने पक्ष के लोगो को राजनीतिक नियुक्तियां देनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘कम से कम राजनीतिक नियुक्तियां तो होनी चाहिए. कार्यकर्ता निराश हैं और उन्हें सुना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार भी होना चाहिए.’’
'पायलट की बात सुनी जानी चाहिए'
भाकर ने कहा कि राज्य में जिन लोगों ने कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिये पांच साल मेहनत की है, उन्हें उनका हक दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘‘ हमारा संघर्ष चल रहा है. पायलट अपने लिये नहीं बल्कि उन कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिये कुछ मांग रहे हैं जिन्होंने पांच साल तक संघर्ष किया. जब पंजाब के असंतुष्ट नेताओं को सुना जा सकता है तो पायलट को क्यों नहीं? पायलट ने पार्टी के लिये संघर्ष किया ओर उनकी बात सुनी जानी चाहिए.’’
इस बीच राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर 11 जून को भंडाना, दौसा में हर साल होने वाले पुष्पांजलि कार्यक्रम को इस बार कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सीमित रखने का फैसला किया गया है. बांदीकुई से विधायक गजराज खटाणा ने लोगों को उनके संबद्ध स्थानों से ही दिवंगत नेता पायलट को श्रदांजलि अर्पित करने को कहा है. भंडाना के कार्यक्रम में सचिन पायलट के शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है.
कांग्रेस बढ़ती महंगाई के खिलाफ कल देशव्यापी आंदोलन कर रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार पायलट जयपुर में इस कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं हालांकि अभी इस तरह का कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है.
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