अभिजीत बनर्जी पर बीजेपी का पलटवार, पीयूष गोयल बोले- उनकी समझ के बारे में सब जानते हैं
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से अभिजीत बनर्जी के साथ एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को मिला है. बता दें कि अभिजीत बनर्जी के साथ उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो को भी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
नई दिल्ली: नोबल पुरस्कार जीतने के बाद अभिजीत बनर्जी ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है. अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनके बयान पर पलटवार किया है. पीयूष गोयल ने कहा कि उनकी समझ के बारे में तो आप सब जानते हैं. बता दें कि मैसाचुसेट्स में प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो को वैश्विक गरीबी कम करने के प्रयासों के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल मिला है.
पीयूष गोयल ने अभिजीत बनर्जी को लेकर क्या कहा? पीयूष गोयल ने कहा, ''अभिजीत बनर्जी को नोबल पुरस्कार मिला है. मैं उन्हें बधाई देता हूं लेकिन उनकी समझ के बारे में तो आप सब जानते हैं. उनकी जो सोच है, वो पूरी तरह से लेफ्ट की है. उन्होंने न्याय योजना को समर्थन दिया था और न्याय के बारे में बड़े गुणगान किए थे लेकिन भारत की जनता ने पूरी तरह से उनकी सोच को खारिज कर दिया.''
#WATCH Piyush Goyal:Abhijit Banerjee ji ko nobel prize mila main unko badhai deta hun.Lekin unki samajh ke bare me to aap sab jaante hain.Unki jo thinking hai,wo totally left leaning hai.Unhone NYAY ke bade gungaan gaye the,Bharat ki janta ne totally reject kar diya unki soch ko pic.twitter.com/v7OO49ie5E
— ANI (@ANI) October 18, 2019
अभिजीत मुखर्जी ने अर्थव्यवस्था को लेकर क्या कहा? नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है. उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़ें यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है. उन्होंने कहा, ''भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है. वर्तमान (विकास के) आंकड़ों को देखने के बाद, (निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार) को लेकर निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है.'' बनर्जी ने अमेरिका से एक समाचार चैनल को बताया, ‘‘पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है.''
कौन हैं अभिजीत बनर्जी? अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ, उनके माता-पिता भी अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे. उनके पिता कोलकाता के मशहूर प्रेसिडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख थे. अभिजीत बनर्जी ने कोलकाता यूनिवर्सिटी में शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद अर्थशास्त्र में एमए के लिए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय आ गए. इसके बाद उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में साल 1988 में पीएचडी की. 58 साल के अभिजीत बनर्जी फिलहाल अमेरिका की मेसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. बता दें कि 21 साल बाद अर्थशास्त्र का नोबल किसी भारतीय मूल के अर्थशास्त्री को मिला है, इससे पहले 1998 में प्रोफेसर अमर्त्य सेन को ये सम्मान मिला था.
अभिजीत और इनकी पत्नी डुफलो अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के को-फाउंडर भी हैं. बनर्जी संयुक्तराष्ट्र महासचिव की ‘2015 के बाद के विकासत्मक एजेंडा पर विद्वान व्यक्तियों की उच्च स्तरीय समिति’ के सदस्य भी रह चुके हैं. लगातार अर्थशास्त्र पर लेख लिखने वाले अभिजीत बनर्जी ने चार किताबें भी लिखी हैं. उनकी किताब पुअर इकनॉमिक्स को गोल्डमैन सैक्स बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का खिताब भी मिला. अभिजीत ने दो डॉक्यूमेंटरी फिल्मों का डायरेक्शन भी किया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी सेवाएं दी हैं.