पीयूष गोयल ने बजट पेश करना किया शुरू, यहां जानें अरुण जेटली का बजट के दौरान शायराना अंदाज
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश करना शुरू कर दिया है. इससे पहले के मोदी सरकार के सभी बजट अरुण जेटली पेश करते रहे हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं अरुण जेटली के बजट भाषण के दौरान के ऐसे शायराना अंदाज के बारे में जब उन्होंने शायरी से अपनी रखी.
नई दिल्ली: आज देश का अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है. मोदी सरकार के इस कार्यकाल का यह आखिरी बजट होगा. वित्त मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश करेंगे. इससे पहले के मोदी सरकार के सभी बजट अरुण जेटली पेश करते रहे हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं अरुण जेटली के बजट भाषण के दौरान के ऐसे शायराना अंदाज के बारे में जब उन्होंने इस दौरान शायरी के जरिए अपनी बात रखी.
साल 2017 में बजट पेश करने के दौरान जेटली ने एक बेहतरीन शायरी पढ़ी थी. उन्होंने कहा था-
इस मोड़ पर घबराकर न थम जाइए आप जो बात नई उसे अपनाइए आप
डरते हैं नई राह पर क्यूं चलने से हम आगे आगे चलते हैं आइए आप
नई दुनिया है, नया दौर है, नई है उमंग कुछ थे पहले के तरीके, तो कुछ है आज के रंग ढंग
साल 2016 में उन्होंने इन पंक्तियों से सदन में खूब तालियां बटोरी थी. उन्होंने कहा था-
कश्ती चलाने वालों ने जब हार कर दी पतवार हमें, लहर लहर तूफान मिलें और मौज-मौज मझधार हमें, फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको, इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें
साल 2015 में उन्होंने देश को नई दिशा देने और लोगों में उम्मीद जगाने के लिए इन पंक्तियों का सहारा लिया था. उन्होंने कहा था-कुछ तो फूल खिलाये हमने और कुछ फूल खिलाने हैं, मुश्किल ये है बाग में अब तक कांटें कई पुराने हैं
ऐसा नहीं है कि सिर्फ अरुण जेटली ने बजट के दौरान शायरी का इस्तेमाल किया. पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह भी बजट पेश करने के दौरान शायरी के जरिए अपनी बात कहते थे. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिंहा भी बजट के दौरान शायरी पढ़ चुके हैं. पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह भी बजट के दौरान शायरी के जरिए अपनी बात रखते थे.
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