Kanpur Raid: कानपुर जिले में छापे के दौरान 150 करोड़ रुपए की नकदी मिलने की घटना से सुर्खियों में आए कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन को कर चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके बाद से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल उठ रहा है कि पीयूष जैन के पास मिला पैसा क्या राजनेताओं का है? 5 करोड़ की कंपनी वाला ढाई सौ करोड़ कैश का मालिक आखिर बना कैसे?
दस्तावेजों के मुताबिक, इत्र व्यवसायी पीयूष जैन की टर्नओवर सिर्फ 5 करोड़ रुपए है. कंपनी की साल 2017-18 में एक करोड़ 70 लाख की टर्नओवर थी. पीयूष जैन की कंपनी में 3 साझेदार हैं- पीयूष जैन, महेश जैन और अंबरीश जैन. इन तीनों की कंपनी ओडोकैम इंडस्ट्रीज साल 1992 में बनी थी.
अलीगढ़ में यह कंपनी आयकर रिटर्न दाखिल करती है. दस्तावेजों के मुताबिक इस कंपनी के पास मात्र दो बड़े क्लाइंट है. इनमें से एक मुंबई की और दूसरी गुटखा कंपनी है. अभी तक आयकर विभाग ने इस मामले में जांच शुरू ही नहीं की. ऐसे में सवाल ये खड़ा हो रहा है कि क्या कोई है जो जांच में रोड़े अटका रहा है?
जीएसटी सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान पीयूष जैन ने कहा सारा पैसा मेरा नहीं है. पूछताछ के दौरान जैन ने जांच अधिकारियों को अलग-अलग कहानियां बताई. जांच अधिकारियों को इन कहानियों पर शक है. पैसे के स्रोत को लेकर लगातार छापेमारी जारी पीयूष जैन को जीएसटी की टीम रिमांड पर लेगी.
गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को कन्नौज में इत्र उद्योग समेत अन्य कारोबार से जुड़े कानपुर के कारोबारी के आवास और अन्य परिसरों में चल रही छापेमारी में कथित तौर पर करोड़ों रुपये की बेहिसाब नकदी की बरामद की गई थी. जीएसटी खुफिया और आयकर विभाग के एक सूत्र ने बताया कि कारोबारी के यहां से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), आयकर विभाग और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की खुफिया इकाई ने कथित तौर पर 150 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की है.