Chinese Army के कमांडर थामेंगे विंटर ओलंपिक में मशाल, Galwan Valley में भारतीय सेना के साथ हुई लड़ाई में हुआ था घायल
चीनी आर्मी (Chinese Army) के कमांडर विंटर ओलंपिक (Winter Olympics) में मशाल थामेंगे. यह कमांडर गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारतीय सेना (Indian Army) के साथ हुई झड़प में घायल हुआ था.
एलएसी (LAC) पर चल रहे तनाव के बीच खबर है कि चीन (China) ने गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारतीय सेना (Indian Army) के साथ हुई लड़ाई में घायल हुए पीएलए कमांडर (PLA Commander), ची फबाओ को विंटर ओलंपिक (Winter Olympics) में मशाल लेकर दौड़ने वाले प्रख्यात लोगों की लिस्ट में शामिल किया है. 4 फरवरी से चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing) में शुरू होने जा रहे विंटर ओलंपिक (4-20 फरवरी) के लिए बुधवार को मशाल-रेस का आयोजन किया गया था जिसमें पीएलए सेना के कर्नल, ची फबाओ ने भी हिस्सा लिया. चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने विंटर ओलंपिक की टार्च-रिले (रेस) में 'टार्च-बेरेयर' के तौर पर ची फबाओ की तस्वीर भी ट्वीट की है. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, पीएलए रेजीमेंट कमांडर, ची फबाओ को गलवान घाटी की लड़ाई में भारत से लड़ते हुए सिर में चोट आई थी.
15-16 जून 2019 को पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की गलवान घाटी की हिंसा में चीन की पीएलए आर्मी के सीनियर कर्नल ची फबाओ को गंभीर चोटें आई थीं. बाद में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने फबाओ को 'हीरो कर्नल' की उपाधि से नवाजा था. बीजिंग विंटर ओलंपिक को लेकर विवाद भी छिड़ा हुआ है और अमेरिका सहित कुछ देश बॉयकॉट करने की धमकी भी दे रहे हैं.
आपको बता दें कि गलवान घाटी की लड़ाई के बाद चीन ने अपने सैनिकों के हताहत होने की खबर को पूरी तरह छिपा लिया था. जबकि भारतीय सेना ने अगले दिन ही चीनी सेना से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की जानकारी सार्वजनिक कर दी थी. यहां तक की कितने सैनिक घायल हुए थे वो भी बता दिया था. भारत सरकार ने वीरगति को प्राप्त हुए 20 में से छह सैनिकों को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से भी नवाजा था. इनमें महावीर चक्र विजेता कर्नल संतोष बाबू भी थे जिन्होनें देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था.
भारतीय सैनिकों के सम्मान के बाद चीन की जनता में रोष पैदा हो गया था कि हताहत हुए चीनी सैनिकों के बारे में पीएलए आर्मी और सीसीपी ने जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं कि और क्यों नहीं उनकी शहादत का सम्मान किया गया. यही वजह है कि गलवान घाटी की लड़ाई के करीब सात महीने बाद यानि जनवरी 2020 में चीन की कम्युनिस्ट सरकार (सीसीपी) ने आधिकारिक तौर से माना कि गलवान घाटी की हिंसा में उसके 4 सैनिक मारे गए थे और एक सैनिक घायल हुआ था.
चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) ने इन सभी सैनिकों को बहादुरी पदक से भी नवाजा. हालांकि, भारत और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया एजेंसियों का अभी तक मानना है कि इस हिंसा में चीन के कम से कम 40-45 सैनिक मारे गए थे.
चीन के सरकारी मीडिया ने बताया था कि सीएमसी यानि चायनीय मिलिट्री कमीशन ने मारे गए इन सभी सैनिकों को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन और मानद उपाधि से सम्मानित किया है. पीएलए आर्मी के शहीद चेन होंगजुन (बटालियन कमांडर) को 'हीरो' की उपाधि दी गई थी तो वही तीन अन्य शहीद सैनिक चेन जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग जुओरन को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन दिया गया था. बाद में सीसीपी ने चेन होंगजुन को 'सदी के हीरो' खिताब से भी नवाजा था.
चीन के जवानों का नेतृत्व करने वाले कर्नल, ची फेबाओ (रेजीमेंटल कमांडर) जो हिंसा के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे उन्हें 'हीरो कर्नल' की उपाधि से सम्मानित किया गया है. सीएमसी, चीन की सबसे बड़ी सैन्य संस्था है और चीन के राष्ट्रपति, शी जिनपिंग इसके चैयरमैन हैं. ची फेबाओ, करीब तीन साल पहले भी पूर्वी लद्दाख के एक वीडियो में दिखाया दिया था. इस वीडियो में वो एक ट्रांसलेटर की मदद से आईटीबीपी के अफसर से लड़ता दिख रहा था.
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