पूरे देश की ही तरह दिल्ली में भी कोरोना के मरीजों की संख्या में अचानक काफी बढ़ गई है. मरीजों के बढ़ने के साथ ही दिल्ली में प्लाज्मा (plasma) की मांग भी बढ़ गई हैं. प्लाज्मा के लिए प्लाज्मा बैंकों के पास मरीजों के परिजनों की कतारें लगी हुई है. हालांकि प्लाज्मा बैंकों का दावा है कि इस समय उनके पास पर्याप्त प्लाज्मा है. चिंता की बात ये है कि प्लाज्मा की बढ़ती हुई मांग के मुताबिक प्लाज्मा डोनर्स की संख्या नहीं बढ़ी है, बल्कि उसमें कमी आई है.

बढ़ी प्लाज्मा की मांग

दिल्ली में रविवार को 4,033 नए मरीज सामने आए हैं साथ ही कोविड की वजह से 21 लोगों की मौत हुई है. केवल मार्च के महीने में ही 37,125 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. अप्रैल माह के पहले सप्ताह में भी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती दिखाई दे रही है. ये आंकड़ें निश्चित रूप से चिंताजनक हैं. उधर, प्लाज्मा बैंक भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि पिछले कुछ दिनों से प्लाज्मा की मांग अचानक फिर से बढ़ गई है. जिन प्लाज्मा बैंकों में सामान्यत: दिन में 1-2 मरीजों के लिए प्लाज्मा की मांग होती थी, वहीं अब रोजाना 8-10 मरीजों को प्लाज्मा की जरूरत पड़ रही हैं. प्लाज्मा बैंकों के संचालकों का ये भी कहना है कि प्लाज्मा की मांग जिस तेजी से बढ़ रही है उस अनुपात में प्लाज्मा डोनर्स की संख्या काफी कम है. हालांकि उनका ये भी कहना है कि फिलहाल प्लाज्मा बैंकों में संग्रहित प्लाज्मा की कोई कमी नहीं है. जिन मरीजों को प्लाज्मा की आवश्यकता है उनकी मांग पूरी की जा रही है.

क्या है प्लाज्मा थैरेपी

कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी भी एक प्रक्रिया है. इसमें कोरोना संक्रमण के बाद पूरी तरह से ठीक हो चुके व्यक्ति के रक्त में से प्लाज्मा निकलकर रोगी के में स्थानांतरित किया जाता है. ये प्लाज्मा संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी विकसित करने में मदद करता है.प्लाज्मा थैरेपी के लिए जरूरी है कि कोरोना के बाद ठीक हो चुके व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करें. इस संबंध में जागरूकता बढ़ाए जाने की भी जरूरत हैं.

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