श्रीनगर: कोरोना से लड़ी जा रही जंग में डॉक्टरों के बाद अगर कोई "फ्रंट लाइन वारियर" के तोर काम करते आए हैं तो वह हैं पुलिस कर्मी. जम्मू कश्मीर में यही पुलिस कर्मी इस युद्ध के दूसरे चरण में भी आगे बढ़ कर हिस्सा ले रहे है. जम्मू कश्मीर के पुलिस ने एलान किया है कि पुलिसकर्मी प्लाज्मा थेरेपी के लिए योगदान देने के लिए तैयार है. पुलिस का कहना है कि इस कैंप के आयोजन के पीछे लोगो को प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रोत्साहित करना है.


श्रीनगर के SKIMS अस्पताल में जम्मू कश्मीर पुलिस के अहवाहन पर एक प्लाज्मा डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया है. जहाँ पुलिस के ऐसे जवानों ने अपना प्लाज्मा दान किया जो कोरोना से जंग जीत कर ठीक भी हो चुके है.


पुलिस के अनुसार अबी तक 500 के करीब जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान और अफसर संक्रमित हो चुके हैं. जिन में से ज़ाय्दातर ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लोटे हैं. ऐसे ही जवान अब प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आ रहे हैं ताकि बाकी मरीजों का इलाज हो सके.


प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना के लिए एक काफी असरदार ट्रीटमेंट के तोर पर देखा जाता है. दान करने वालो की कमी के चलते कश्मीर घाटी में इस थेरेपी का जायदा इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसी लिए अब जम्मू कश्मीर पुलिस ने लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आकर प्लाज्मा दान करने की घोषणा की गयी. और बड़ी संख्या में जवानों ने अपने प्लाज्मा का भी दान किया.


लेकिन इस कैंप में बड़ी संख्या में ऐसे पुलिस कर्मी भी आये जिन को ज़ाहिर तोर पर कभी भी कोरोना के लक्षण नहीं दिखे थे. लेकिन IgM/IgG टेस्ट के ज़रिये ईन लोगो ने आने खून की झांच करवाई. इस टेस्ट के ज़रिये पता लगाया जाता है कि दान के इच्छुक व्यक्ति के खून में क्या कोरोना के एंटीजन मौजूद हैं या नहीं.


जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह के साथ साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी और जवान इस कैंप में शामिल हुए. और अपने खून की झांच के साथ साथ कोरोना से ठीक होकर लोटे जवानों ने प्लाज्मा का दान भी किया.


जम्मू कश्मीर में अबी तक 15 हज़ार से जायदा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. ईन में से करीब 8500 लोग ठीक भी हो चुके है. लेकिन ईन में से अबी तक केवल 100 के करीब ही लोगों ने प्लाज्मा का दान किया है जिस से प्लाज्मा थेरेपी के ज़रिये इलाज नहीं हो पा रहा है.


कोरोना से लड़ने वाले अस्पतालों ने अपने यहाँ प्लाज्मा बैंक बनाने की घोषणा कर दी हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग ने भी प्लाज्मा थेरेपी के ज़रिये इलाज की इजाज़त भी दी है. लेकिन लोगों के खून और प्लाज्मा दान ना करने के चलते ही अब इस तरह के कैंप करने की ज़रुरत पड़ी है. जहाँ पर सभी लोगो के खून की झांच कर संक्रमण के नतीजे और एंटीजन की मौजूदगी का पता लगाया जाता है.


जम्मू कश्मीर में अबी तक 270 लोगों कि जान कोरोना के कारण जा चुकी है. पिछले एक हफ्ते से लगातार 400 से जायदा संक्रमण के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं. रविवार को सब से जायदा 701 मामले सामने आये थे जिस के बाद पुलिस ने प्लाज्मा दान के लिए सामने आने का फैसला लिया गया.