नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई ने आधार धारकों को प्लास्टिक से बने स्मार्ट कार्ड वाले आधार के इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है. यूआईडीएआई ने प्लास्टिक के आधार को सही नहीं बताया है. यूआईडीएआई का कहना है कि ऐसे कार्ड्स कई बार काम करना बंद कर देते हैं.


प्लास्टिक से बने स्मार्ट कार्ड वाले आधार की खामियां गिानते हुए यूआईडीएआई ने कहा है कि छपाई की बेहतर क्वालिटी नहीं होने की वजह से इनके QR code आमतौर पर खराब हो जाता है जिसके बाद इन्हें स्कैन नहीं किया जा सकता है.


यूआईडीएआई ने सबसे ज्यादा बड़ी बात ये कही है कि प्लास्टिक से बने स्मार्ट कार्ड वाले आधार से निजी जानकारियां लीक होने का खतरा ज्यादा रहता है. यूआईडीएआई ने यह भी कहा कि आधार लेटर या इसकी कटिंग या आम पेपर पर इसका डाउनलोडेड वर्जन बिल्कुल सही है. इसके साथ ही एम-अधार के बारे में भी यही बात कही गई है.


प्लास्टिक आधार से इसलिए भी बचने के लिए कहा गया है क्योंकि इसे प्रिंट करने के लिए गलत तरीके से 50 से 300 रुपए या उससे भी अधिक लिए जा रहे हैं. यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे का कहना है कि आधार स्मार्ट कार्ड की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है. इसके अलावा के बाकी किसी भी तरीके के आधार कार्ड को उन्होंने बिल्कुल सही बताया है.


आपको बात दें कि अगर आपका आधर कार्ड खो गया है तो आप इस लिंक- eaadhaar.uidai.gov.in पर जाकर फ्री में उसे डाउनलोड कर सकते हैं. इस ताज़ा जानकारी के साथ जिन दो बातों पर ज़ोर दिया गया उनमें अपने डाटा की सुरक्षा को लेकर सजग रहने से लेकर ऐसे लोगों से सर्तक रहने को कहा गया है जो स्मार्टकार्ड प्रिंट कर रहे हैं और इसके पैसे ले रहे हैं. आपको बता दें कि ऐसा करना Indian Penal Code and Aadhaar Act, 2016 के तहत अपराध है.