कोच्चि (केरल): उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारतीय इतिहास उन लोगों से भरा हुआ है जिन्होंने मानव ज्ञान में महत्वपूर्ण इजाफा किया और उस दौर के सर्जन मोतियाबिंद का ऑपरेशन और प्लास्टिक सर्जरी जैसी जटिल चिकित्सा प्रक्रियाएं पूरी करने में सक्षम थे. उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में सर्जन , बहुत सारे वैज्ञानिकों , गणितज्ञों , चिकित्सकों , रसायनशास्त्रियों , धातुकर्मियों , खगोलविदों और कई अविष्कारकों ने मानव ज्ञान में महत्वपूर्ण इजाफा किया.
नायडू केरल के कलाडी में युवा वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कलाडी आदि शंकराचार्य की जन्मस्थली है. उन्होंने कहा , ‘‘हम आर्यभट्ट , पिंगला , ब्रह्मगुप्त , भास्कर , वराहमिहिर , चरक और सुश्रृत जैसे प्रख्यात नामों को याद कर सकते हैं. भारत ने दुनिया को शून्य एवं द्वयाधारी संख्या पद्धति (बाइनरी सिस्टम) की संकल्पना दी.’’
ज्यादातर इंडियन मांसाहारी, 70 फीसदी महिलाएं भी, दक्षिण-पूर्वोत्तर भारतीय सबसे ज्यादा
उपराष्ट्रपति ने कहा , ‘‘हमें इस्पात मिश्र धातु और द्रवीभूत जस्ता बनाना आता था. हमारे प्राचीन सर्जन प्लास्टिक सर्जरी और मोतियाबिंद के ऑपरेशन सहित जटिल ऑपरेशन कर सकते थे. ’’ उन्होंने कलाडी के आदि शंकरा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में आदि शंकरा एशियानेट न्यूज यंग साइंटिस्ट अवार्ड 2018 प्रदान किए. नायडू ने कहा कि ये पुरस्कार युवा भारत में अंतर्निहित जिज्ञासा , बुद्धिमत्ता और अभिनव पहल की एक स्पष्ट गवाही हैं.
पादरी ने कहा- खतरे में लोकतंत्र, राजनाथ बोले- हम मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं करते