फिलहाल बाजार में मिलती रहेगी प्लास्टिक की पानी की बोतल, विकल्प ढूंढने में लग रहा है वक़्त
सिंगल यूज प्लास्टिक पर केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि हमने पानी के सिंगल यूज प्लास्टिक बोतल के विकल्प के लिए सभी पक्षों से राय मांगी थी, उन्होंने अपनी रिपोर्ट हमें भेज दी है ओर हम उसका अध्ययन कर रहे हैं
नई दिल्ली: प्लास्टिक के पानी की बोतल पर प्रतिबंध लगने की सम्भावनों के बीच सरकार ने कहा है कि जबतक इसका विकल्प नहीं खोज लिया जाता तबतक प्लास्टिक की बोतल को बंद नहीं किया जाएगा. सरकार ने संकेत दिया कि विकल्प खोजने में थोड़ा और वक़्त लग सकता है.
जल्दबाज़ी में कोई क़दम नहीं उठाएगी सरकार
उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि उनका मंत्रालय प्लास्टिक की बोतल के विकल्प के तौर पर दिए गए अलग अलग सुझावों की समीक्षा कर रही है. पासवान ने कहा कि सरकार जल्दबाज़ी में कोई काम नहीं करना चाहती. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ऐसा कोई क़दम नहीं उठाएगी जिससे लोगों की रोजगारी खतरे में पड़े. इतना ही नहीं, सरकार इस बात का भी ख्याल रखेगी कि वैकल्पिक व्यवस्था लोगों की जेब पर भी भारी ने पड़े. लिहाज़ा सरकार कोई भी फ़ैसला पर्यावरण के साथ रोज़गार और क़ीमत का संतुलन बनाकर ही करेगी.
विकल्प के तौर पर कई सुझाव आए
पासवान ने बताया कि 9 सितम्बर को मंत्रालय और प्लास्टिक बोतल निर्माताओं के बीच हुई बैठक के बाद अलग-अलग पक्षों से कई सुझाव आए हैं. इन सुझावों में सिंगल यूज पानी की बोतल की जगह पेट (PET) बोतल, टेट्रापैक और ज़मीन में घुल जाने वाले बायो कम्पोस्टिंबुल बोतल इस्तेमाल करना शामिल है. पासवान के मुताबिक़ सरकार इन सुझावों का अध्ययन कर रही है और कोई भी फैसला करने से पहले रोज़गार और क़ीमत पर पड़ने वाले उसके असर का ज़रूर ख्याल रखेगी.
एक अनुमान के मुताबिक़ देश में प्लास्टिक निर्माण का कारोबार करीब 7 लाख करोड़ रुपयों का है जिसमें अकेले प्लास्टिक की बोतल का कारोबार 30000 करोड़ का है. इस उद्योग में करीब 7 करोड़ लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार से जुड़े हैं.
हर साल 95 लाख टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है
राम विलास पासवान ने प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती करार दिया. अनुमान के मुताबिक़ देश में प्रति साल 95 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है. इसमें से 38 लाख टन एक बार इस्तेमाल किए जाने वाला कचरा है जो नदियों या समुद्र में बह जाता है या इसे मवेशी खा जाते हैं.
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