नई दिल्लीः दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के चलत इस साल आईपीएल को रद्द करने या उसके मैचों को आगे के लिए टालने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है. आज कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अगले हफ्ते चीफ जस्टिस से मामले पर जल्द सुनवाई की मांग करे.


मोहन बाबू अग्रवाल नाम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि दुनिया भर में 3500 से ज्यादा लोगों की मौत को कोरोना से हो चुकी है. बीमारी भारत में भी दस्तक दे चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को एक जगह जमा न होने और दूसरी सावधानी बरतने की सलाह दी है. लेकिन इन सब बातों की उपेक्षा कर भारत में हर साल की तरह आईपीएल का आयोजन किया जा रहा है.


याचिका के मुताबिक 29 मार्च से शुरू होकर आईपीएल करीब 2 महीने तक चलेगा. हर मैच को देखने 30-40 हजार लोग जुटेंगे. इन मैचों को देखने के लिए इन मैचों में हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर के क्रिकेट खिलाड़ी और उनके सहयोगी भारत आएंगे. दुनिया भर से दर्शक आएंगे. 200 के करीब विदेशी कैमरामैन और उनके सहयोगी भी भारत आएंगे. ऐसी परिस्थिति में कोरोना वायरस के भारत में तेजी से फैलने का अंदेशा है.


याचिकाकर्ता का कहना है कि बीसीसीआई या आईपीएल कमिश्नर को खुद ही जिम्मेदारी दिखाते हुए आईपीएल का आयोजन रोक देना चाहिए था. उनके ऐसा नहीं करने की सूरत में सरकार को मैचों पर रोक लगानी चाहिए थी. लेकिन किसी ने भी अपना दायित्व नहीं निभाया. इसलिए, कोर्ट मामले में दखल दे. याचिका में मांग की गई है कि या तो 29 मार्च से होने वाले आईपीएल को इस साल रद्द कर दिया जाए या फिर या फिर उसकी तारीख को तब तक के लिए आगे बढ़ा दिया जाए, जब तक की कोरोना का खतरा टल नहीं जाता है.


आज याचिकाकर्ता ने होली की छुट्टियों के दौरान बैठी जस्टिस यु यू ललित और अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन बेंच के सामने यह मामला रखा और सुनवाई की मांग की. इस पर जजों ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अगले हफ्ते चीफ जस्टिस के सामन मामले को रखे. बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस ललित ने कहा, ''आईपीएल का आयोजन 29 मार्च से होना है. हम यहां ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए बैठे हैं, जिन्हें अभी तुरंत सुनना जरूरी है. यह मामला ऐसा नहीं है. इसलिए, आप अगले हफ्ते मामले पर सुनवाई की मांग कीजिए. तब मामला नियमित बेंच के सामने सुनवाई के लिए लगा दिया जाएगा.''