Adani Group Remarks: पीएम मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर, अडानी समूह पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर की ये मांग
Adani Group Remarks: याचिकाकर्ता ने तेलंगाना में एक रैली के दौरान दिए गए प्रधानमंत्री मोदी के बयानों का जिक्र किया. इस रैली में पीएम मोदी ने अंबानी-अडानी का नाम लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था.
Adani Group Remarks: अडानी समूह पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर पीएम मोदी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती है. पीएम मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की गई है. याचिका में प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता को झूठे, मनगढ़ंत और भ्रामक भाषण देने और अडानी समूह के खिलाफ आरोप लगाने से रोकने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ता ने चुनावी रैलियों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों का हवाला दिया और उन्होंने कोर्ट से अडानी समूह के खिलाफ कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने से रोकने की मांग की है. उन्होंने हवाला दिया कि ऐसे भाषणों से अडानी समूह के बाजार मूल्य और निवेशकों के हितों को नुकसान पहुंच सकता है. याचिका दायर करने वाले शख्स ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता, किसान और शेयर बाजार में निवेशक बताया है.
पीएम मोदी के बयान का दिया हवाला
याचिकाकर्ता ने तेलंगाना के करीमनगर में एक रैली के दौरान दिए गए प्रधानमंत्री मोदी के बयानों का जिक्र किया. इस रैली में पीएम मोदी ने मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की आलोचना की थी और कहा था कि कांग्रेसियों ने अंबानी-अडानी का नाम लेना बंद कर दिया है, क्योंकि हो सकता है कि उन्हें अंबानी-अडानी ने रिश्वत दी हो.
क्या है याचिका
याचिका में कहा गया कि लोन माफी के बारे में और प्रतिवादी संख्या-2 (पीएम मोदी) की ओर से उद्योगपतियों के खिलाफ बिना किसी आधार के लगाए गए आरोपों को तोड़मरोड़ कर प्रतिवादी संख्या-1 (राहुल गांधी) ने पेश किया है. ऐसा झूठा, मनगढ़ंत और भ्रामक भाषण भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वाले सामान्य निवेशकों के बीच भ्रम पैदा करने की क्षमता रखता है. इससे उद्योगपतियों की कंपनियों के शेयर मूल्यों में अत्यधिक गिरावट आ रही है और इससे निवेशकों और व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है.
राहुल गांधी पर लगाया यह आरोप
याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा गौतम अडानी सहित कुछ उद्योगपतियों के 15 या 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण को कथित रूप से माफ करने के संबंध में भ्रामक और झूठा बयान दिया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि उनका यह भाषण पूरी तरह से भ्रामक है. जिससे आम जनता और निवेशकों की नजर में अडानी समूह की कंपनियों की छवि खराब हो सके.