हालांकि, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने कहा है कि हवा की खराब होती गुणवत्ता के कारण शहर में नये ट्रकों के प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. भारी वाहनों के प्रवेश पर आठ नवंबर से 11 नवंबर तक रोक लगायी गयी थी लेकिन सीपीसीबी के कार्यबल ने इसे एक दिन के लिए बढ़ा दिया था.
मंगलवार सुबह हवा में अतिसूक्ष्म कणों- पीएम 2.5 का स्तर 373 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 286 दर्ज किया गया.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सोमवार की शाम फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी है. हवा की कम रफ्तार आदि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों से प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 407 दर्ज किया गया जो ''गंभीर'' श्रेणी में आता है. सोमवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 262 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 460 दर्ज किया गया.
सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली के 19 इलाकों में वायु गुणवत्ता ''गंभीर'' दर्ज की गई जबकि 17 स्थानों पर यह ''बेहद खराब'' श्रेणी में रही. गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता गंभीर रही जबकि गुड़गांव में स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है. वहां पर गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गयी.
वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ''अच्छा'', 51 से 100 तक ''संतोषजनक'', 101 से 200 तक ''सामान्य'', 201 से 300 के स्तर को ''खराब'', 301 से 400 के स्तर को ''बहुत खराब'' और 401 से 500 के स्तर को ''गंभीर'' श्रेणी में रखा जाता है.
बहरहाल, सीपीसीबी नेतृत्व वाले कार्यबल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में भारी वाहनों और निर्माण गतिविधि की इजाजत सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक के लिए ही होगी.
दिल्ली की ये खतरनाक हवा आपको बहुत बीमार बनाने के लिए काफी है