नई दिल्लीः कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए किए गये लॉकडाउन के कारण दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार देखने को मिली है. सड़कों पर गाड़ियों के न चलने और कल-कारखानों के बंद हो जाने के कारण दिल्ली में पीएम 2.5, पीएम 10 और नाइट्रोजन ऑक्साइड में कम से कम 50 फीसद गिरावट दर्ज की गई है.


इन तीनों कणों को सबसे खतरनाक कणों में गिनती की जाती है. पीएम 2.5 ऐसे कण होते हैं जिनका व्यास ढाई माइक्रोमीटर से कम होता है. पीएम 10 ऐसे कण होते हैं जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से भी कम होता है जबकि नाइट्रोजन ऑक्साइड गाड़ियों से निकलती है.


4 हजार से अधिक कोरोना के मामले


केंद्र सरकार के सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एडं वेदर फोरकास्टिंग एडं रिसर्च (सफर) के मुताबिक दिल्ली में इन तीनों प्रदूषकों में सबसे अधिक कमी नजर आयी है.


भारत कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए फिलहाल सबसे बड़े लॉकडाउन के तहत करीब एक अरब 30 करोड़ लोगों को घरों में रहने को कहा गया है. इस महामारी के चलते भारत में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 4000 से अधिक लोग इसकी गिरफ्त में आए हैं.


लॉक डाउन के कारण कंपनियां बंद


इस लॉकडाउन के कारण कंपनियों को बंद कर दिया गया है और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गयी है. लॉकडाउन से पहले मार्च के दूसरे सप्ताह और अप्रैल के पहले सप्ताह (छह अप्रैल) की तुलना की गयी.


तुलना के दौरान पाया गया कि पीएम 2.5 में 62 फीसद, पीएम 10 में 57 फीसद एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड में 50 फीसद कमी आयी.


मुम्बई में पीएम 2.5 में 45 फीसद, पीएम 10 में 51 फीसद एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड में 60 फीसद कमी आयी. इसी तरह पुणे में पीएम 2.5 में 31फीसद, पीएम 10 में 32 फीसद एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड में 50 फीसद कमी आयी.


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