Indian Economy: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PM-EAC) के अस्थायी सदस्य नीलेश शाह ने सोमवार (20 नवंबर) को कहा कि सोने के आयात की आदत नहीं होती तो भारत 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लक्ष्य को 'बहुत पहले' ही हासिल कर लिया होता. म्यूचुअल फंड उद्योग के दिग्गज शाह ने कहा कि पिछले 21 सालों में भारतीय लोगों ने अकेले सोने के आयात पर करीब 500 अरब डॉलर खर्च कर दिए हैं.
शाह ने कहा, ''हम 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन हम सिर्फ एक आदत से दूर रहकर बहुत पहले ही 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गए होते. हमने शायद सही वित्तीय निवेश न करके भारत की जीडीपी का एक-तिहाई हिस्सा गंवा दिया है.''
21 सालों में सोने के आयात पर खर्च किए 375 अरब डॉलर
कोटक एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शाह ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीयों ने पिछले 21 सालों में शुद्ध आधार पर सोने के आयात पर 375 अरब डॉलर खर्च किए हैं. इसके साथ नियमित तौर पर सोने की तस्करी की खबरें भी आती रहती हैं.
'अगर पैसा निवेश किया होता तो जीडीपी कुछ और रहती'
उन्होंने कहा, ''अगर वह पैसा सोने के बजाय टाटा, अंबानी, बिड़ला, वाडिया और अडाणी जैसे उद्यमियों में निवेश किया गया होता तो कल्पना करें कि हमारी जीडीपी क्या होती? वृद्धि क्या होती, हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी क्या रही होती?'
कांग्रेस ने 4 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के दावों पर उठाए थे सवाल
इस बीच देखा जाए तो कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार (20 नवंबर) को केंद्र सरकार और उसके मंत्रियों के उस दावे को फर्जी करार दिया जिसमें भारत की जीडीपी का 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करने की बात कही गई थी. सत्तारूढ़ बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि फर्जी खबरों का मकसद केवल उत्साह पैदा करना और हेडलाइन मैनेज करने का प्रयासभर है. उन्होंने कहा था कि कल रविवार (19 नवंबर) दोपहर 2.45 बजे से शाम 6.45 बजे के बीच में पूरा देश क्रिकेट के फाइनल मैच का आनंद लेने में व्यस्त था तब सरकार के मंत्रियों की ओर से ऐसे दावे किए जा रहे थे.
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