नई दिल्ली: लोक कल्याण के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभिन्न माध्यमों से दिए गए दान की कुल राशि 103 करोड़ रुपये से अधिक है. सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.


मोदी ने अपनी बचत में से बालिकाओं की शिक्षा से लेकर गंगा की सफाई जैसे कार्यों के लिए दान दिया है. साथ ही, प्रधानमंत्री को प्राप्त उपहारों की नीलामी से मिले धन को भी सार्वजनिक हित के लिए दान दिया गया है.


हाल ही में मोदी ने कोविड-19 के मद्देनजर स्थापित किए गए प्रधानमंत्री आपात स्थिति नागरिक सहायता एवं राहत कोष (पीएम केयर्स) में 2.25 लाख रुपये दान दिए थे. बुधवार को सार्वजनिक किए गए खाते के विवरण के अनुसार , मार्च में स्थापना के महज पांच के भीतर इस कोष में 3,076.62 करोड़ रुपये जमा हुए थे.


लोक हित के लिए मोदी द्वारा दिए गए दान को रेखांकित करते हुए सूत्रों ने बताया कि 2019 में कुंभ मेले में सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए बनाए गए कोष में प्रधानमंत्री ने अपनी निजी बचत में से 21 लाख रुपये दान दिए थे.


सूत्रों ने कहा कि दक्षिण कोरिया में 2019 में सियोल शांति पुरस्कार प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री ने पुरस्कार में मिली 1.30 करोड़ रुपये की राशि को नमामि गंगे परियोजना में दान देने की घोषणा की थी.


सूत्रों के अनुसार, मोदी द्वारा लोक कल्याण के लिए दिए गए दान की कुल राशि अब एक सौ तीन करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. प्रधानमंत्री को मिले स्मृति चिह्नों की हाल ही में हुई नीलामी से तीन करोड़ चालीस लाख रुपये प्राप्त हुए जिन्हें नमामि गंगे परियोजना में दान दे दिया गया.


सूत्रों ने कहा कि 2014 में गुजरात के मुख्यमंत्री पद को छोड़कर प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद मोदी ने गुजरात सरकार में कार्यरत एक कर्मचारी की बेटी की शादी के लिए अपनी निजी बचत में से 21 लाख रुपये दान दे दिए थे.


मोदी ने मुख्यमंत्री के तौर पर मिले उपहारों की नीलामी से प्राप्त 89.96 करोड़ रुपये ‘कन्या केलवणी कोष’ में दान दे दिए थे जो कि बालिकाओं की शिक्षा के लिए शुरू की गई एक योजना है.


सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उपहारों की नीलामी 2015 में शुरू की थी जिससे प्राप्त 8.35 करोड़ रुपये की राशि को नमामि गंगे परियोजना में दान दे दिया गया था.


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