PM Gati Shakti Yojana: क्या है PM गति शक्ति योजना? जिसके 3 साल हुए पूरे, प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर मनाया जश्न
आज 'पीएम गति शक्ति' पहल के तीन साल पूरे हो चुके हैं. 15 अगस्त 2021 को पीएम गति शक्ति योजना की घोषणा की थी. पीएम गति शक्ति योजना का मकसद देश में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करना है.
PM Gati Shakti Yojana 3 Years: आज (13 अक्टूबर 2024) 'पीएम गति शक्ति' पहल के तीन साल पूरे हो चुके हैं. साल 2021 में 15 अगस्त के अवसर पर पीएम ने इस योजना की घोषणा की थी. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पीएम गति शक्ति' के भारत की बुनियादी ढांचे और विकास पर पड़ने वाले प्रभाव का जिक्र किया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'माई गवर्नमेंट इंडिया' ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, "आज हम पीएम गति शक्ति के तीन साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया गया था.
यह अभूतपूर्व पहल भारत के बुनियादी ढांचे को और ज्यादा स्मार्ट और मजबूत कर रही है. साथ ही भारत में आर्थिक विकास को बढ़ावा और विकास के भविष्य को आकार दे रही है. इस पोस्ट पर पीएम मोदी ने लिखा, "गति शक्ति की बदौलत देश विकसित भारत के हमारे सपने को पूरा करने के लिए तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है. यह प्रगति, एंटरप्रेन्योरशिप और नवाचार को प्रोत्साहित करेगा".
'पीएम गति शक्ति' लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने में सहायक
इसके अलावा, उन्होंने दूसरे पोस्ट में लिखा, "पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांति लाने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में उभरा है. इसने मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है, जिससे भारत के कई क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है. इसने लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा दिया है, देरी कम हुई है और इससे कई लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं.
उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी किया ट्वीट
पीएम गति शक्ति के तीन साल पूरे होने पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक्स पर एक ट्वीट करते हुए लिखा, "आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के शुभारंभ के 3 वर्ष पूरे हो गए हैं. लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करके और कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाकर, यह पथप्रदर्शक पहल तेज और अधिक कुशल परियोजना कार्यान्वयन सुनिश्चित करती है. ये एक आधुनिक, परस्पर जुड़े बुनियादी ढांचे के नेटवर्क को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे विकसित भारत के निर्माण की दृष्टि को मजबूती मिलती है".
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