नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नौकरी सृजन के आंकड़ों के साथ खिलवाड़ कर देश को धोखा देने का आरोप लगाया. साथ ही दावा किया कि वह चाहते हैं कि लोग उनकी नाकामियों को अच्छे दिन मानें. एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित हुए प्रधानमंत्री के इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा मोदी से अपनी सरकार की तीन बड़ी उपलब्धियों के बारे में बताने को कहा गया तो उन्होंने गिनाने से इनकार कर दिया था.
खेड़ा ने मीडिया से कहा, "उन्होंने कहा कि वह नहीं कर सकते हैं. इन इंटरव्यू में सिर्फ यही ईमानदार स्वीकृति है. चार साल सत्ता में रहने के बावजूद वह अपनी तीन उपलब्धियों के बारे में नहीं बोल सकते हैं. वह प्रधानमंत्री हैं, वह देश को इस तरह से धोखा नहीं दे सकते हैं. आंकड़ों के साथ खिलावड़ नहीं करें."
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के पांच साल के कार्यकाल में सिर्फ नौ महीने शेष रहने के बावजूद मोदी सरकार के पास लोगों को दिखाने के लिए कोई प्रमुख उपलब्धि नहीं है. प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं को पूरा करने की मियाद को 2022 करके खुद को 48 और महीनों का विस्तार दे दिया है.
कांग्रेस ने दावा किया कि केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों की राय अलग-अलग है. उन्होंने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि एक करोड़ लोगों को रोजगार दिया गया जबकि उनके कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोई नौकरी ही नहीं है.
पिछले हफ्ते मराठा आरक्षण आंदोलन पर सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा था कि आरक्षण से नौकरी मिलने की गारंटी नहीं होगी क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं. खेड़ा ने इंटरव्यू में ईपीएफओ के आंकड़ों के आधार पर एक लाख नौकरियां सृजित करने के मोदी के दावे पर पूछा, "सरकार ईपीएफओ के आंकड़ों को नौकरियों के आंकड़ों से कैसे मिला सकती है."
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी सीएमआईई का हवाला देते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह कहा जा रहा है कि नवंबर 2016 में उच्च मूल्य के नोटों को अचानक से बंद करने के बाद 1.26 करोड़ लोगों की नौकरियों चली गईं.
पार्टी ने कहा कि आईएलओ का डाटा कहता है कि साल 2019 तक 77 फीसद लोगों की नौकरी चली जाएगी या वे नौकरी खोने की दहलीज पर होंगे. खेड़ा ने कहा, "प्रधानमंत्री ने आंकड़ों को कभी चुनौती नहीं दी."
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार स्वच्छ भारत जैसी अपनी अहम परियोजना के उद्देश्यों को पूरा करने में नाकाम रही है. सरकार चाहती है कि लोग उसकी नाकामियों को 'अच्छे दिन' के तौर पर यकीन करें, जिसका बीजेपी ने 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था.
कांग्रेस नेता ने आखिर में कहा कि उनकी पार्टी पीएम मोदी से साफ तौर पर कहना चाहती है कि उनकी सरकार अगले नौ महीनों से ज्यादा नहीं टिकेगी.