PM-KISAN: क्या है पीएम किसान सम्मान निधि योजना, जिससे किसानों के खातों में भेजे जाते हैं पैसे
प्रधानमंत्री की तरफ से यह पैसे ऐसे वक्त पर किसानों के बैंक एकाउंट में भेजे गए हैं जब सितंबर में संसद से पास तीन नए कृषि कानूनों पर भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 9 करोड़ किसानों के लिए 18 हजार रुपये शुक्रवार को जारी किए. प्रधानमंत्री की तरफ से यह पैसे ऐसे वक्त पर सीधे उनके बैंक एकाउंट में भेजे गए हैं जब सितंबर में संसद से पास कृषि क्षेत्र में सुधार संबंधी तीन नए कृषि कानूनों पर भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को हर साल 6 हजार रुपये दिए जाते हैं. पीएम किसान योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में हर चार महीने के अंतराल पर 2-2 हजार रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं.
आइये जानते हैं पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के बारे में, जिसके जरिए किसानों के बैंक एकाउंट में सीधा पैसा होता है ट्रांसफर:
1.पीएम-किसान योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को की गई थी. इसका मकसद देशभर के किसानों को उनकी आय में मदद करना है ताकि वे घरेलू जरूरतों के साथ कृषि संबंधी कार्यों पर खर्च कर सके.
2.इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों के सीधे बैंक एकाउंट में चार महीने के अंतराल पर साल में तीन बार 2-2 हजार रुपये कर कुल 6 हजार रुपये भेजे जाते हैं.
3.यह योजना 1 दिसंबर 2018 से प्रभावी हुई और इसके तहत योग्य लाभार्थी किसानों की कट-ऑफ लिस्ट 1 फरवरी 2019 को जारी की गई थी.
4.पीएम-किसान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसानों की पहचान राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकार और प्रशासनों की तरफ से की जाती है. इस योजना के लिए एक्सक्लूसिव वेब पोर्टल www.pmkisan.gov.in लाउंच किया गया है. पीएम किसान पोर्टल पर किसानों को तैयार और अपलोड किए गए डेटा के आधार पर लाभार्थी किसानों के लिए फंड जारी किया जाता है.
5-शुरुआत में इस योजना के तहत देशभर के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास 2 एकड़ तक खेती योग्य जमीन है वह इसके अंतर्गत आते थे. बाद में इसका दायरा बढ़ाकर 1 जून 2019 से देश के सभी किसानों को इसमें शामिल किया गया.
6-पिछले वित्तीय आकलन वर्ष के दौरान करदाताओं को इस योजना से बाहर कर दिया गया. पेशेवर लोग जैसे डॉक्टरों, इंजीनियर, वकील और चार्टर्ड एकाउंटेंट और पेंशनर जो कम से कम 10 हजार रुपये प्रति महीना पाते हैं उन्हें इसके दायरे से अलग रखा गया है.
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