टैक्सेशन व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारदर्शी सिस्टम लागू कर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने टैक्स सिस्टम की नई व्यवस्था को लांच करते हुए इसे स्ट्रक्चरल रिफॉर्म बताया. जिसमे तीन महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील, और टैक्सपेयर चार्टर. फेसलेस अपील और टैक्सपेयर चार्टर की व्यवस्था तो आज से ही लागू हो गई है. जबकि फेसलेस असेसमेंट 25 सितंबर यानी भाजपा के संस्थापक स्व दीनदयाल उपाध्याय की जयंती वाले दिन से लागू होगी. प्रधानमंत्री मोदी की माने तो नई व्यवस्था सिमलेस, पेनलेस और फेसलेस होगी. जिससे आम लोगों को न सिर्फ इसका सीधा फायदा मिलेगा, बल्कि टैक्स के दफ्तरों के चक्कर लगाने से भी मुक्ति मिलेगी. साथ हि आम करदाताओं के अंदर स्वतः ही टैक्स देने की प्रेरणा आयेगी.


दरअसल मोदी सरकार चाहती है कि जो लोग इमानदारी से टैक्स जमा कर रहे हैं. उन्हें इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दी जाए. यानी टैक्स से संबंध रखने वाले अधिकारियों का डर उनके मन से समाप्त किया जाए. साथ ही बहुत से ऐसे लोग जो टैक्स देना चाहते हैं, फिर भी टैक्स जमा नहीं कर रहे और उनके मन में टैक्सेशन विभाग को लेकर डर है, उसे भी दूर किया जाए ताकि इमानदार टैक्सपेयर्स को सम्मान दिया जा सके और नए लोगों को टैक्सेशन व्यवस्था से जोड़ा जा सके. मकसद साफ है कि जो लोग किसी भी कारण से टैक्स चोरी करते हैं, उन्हें टैक्स के दायरे में लाया जाए. साथ ही एक साफ-सुथरी व्यवस्था भी प्रदान की जाए. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टैक्स सिस्टम की नई व्यवस्था को लांच किया.


कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है.


उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश ये है कि हमारी टैक्स प्रणाली सीमलेस हो, पेनलेस हो, फेसलेस हो. सीमलेस यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के लिए काम करे. पेनलेस यानि टेक्नॉलॉजी से लेकर निमय तक सबकुछ आसान हो. फेसलेस यानि टैक्सपेयर कौन है और टैक्स ऑफिसर कौन है, इससे मतलब होना ही नहीं चाहिए. आज से लागू होने वाले ये रिफॉर्म्स इसी सोच को आगे बढ़ाने वाले हैं.


माना जा रहा है कि सरकार की इस नई व्यवस्था से उन लोगों के मन का डर दूर होगा जो टैक्स जमा तो करना चाहते है लेकिन कानूनी लफड़ो के चलते अपनी कमाई को छिपाते है. अब ऐसे बहुत से लोग टैक्सेसन व्यवस्था से जुड़ेंगे जो अब तक दूर रहे हैं. जिसका फायदा यह होगा कि टैक्स देने वालो की संख्या बढ़ेगी.