नई दिल्ली: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी तीन दिन के भारत दौरे पर आए हैं और दौरे के दूसरे दिन यानी कि आज प्रधानमंत्री मोदी से मिलने वाले हैं. वे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से भी मिल सकते हैं.


रूहानी और पीएम मोदी के बीच व्यापार, सुरक्षा, कनेक्टिविटी और रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण माने जा रहे चाबाहार बंदरगाह सहित कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी. दोनों ही ओर से कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े समझौते हो सकते है.


जानें, क्या हैं इस मुलाकात की बड़ी बातें


इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही कई भारतीय नेता शामिल भी होने वाले हैं. कई ईरानी नेता भी ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में एक विशेष भाषण देने की तैयारी कर रहे हैं.


समझौते के तहत, भारत दक्षिण-पूर्वी ईरान में चाबाहार बंदरगाह के लिए 85 करोड़ डॉलर का निवेश कर सकता है. इस बीच सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे रूट जिससे भारत को ईरान, अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यूरोप पहुंचने में मदद मिलेगी को लेकर भी चर्चा हो सकती है. इस रुट पर बंदरगाह से गुजर कर भारत की कई देशों तक पहुंच बढ़ेगी.


भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है जो ईरान से क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) का आयात करता है. प्राकृतिक गैस और तेल के संसाधन भी एजेंडे में शामिल हो सकते हैं. राष्ट्रपति रूहानी ने कल कहा था, "ईरान तेल और प्राकृतिक गैस के मामले में सबसे अमीर देश है. हम इसे भारत के साथ साझा करने के लिए भी तैयार है जिससे भारत विकास की ओर बढ़ सके."


सूत्रों के मुताबिक, भारत समझौते में फरजाद-बी गैस क्षेत्र में अपना रुचि दिखा सकता है. तेहरान ने कहा कि वो भारत के लिए वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाने को तैयार है.


सूत्रों के मुताबिक, ईरान और भारत पहले से ही कई तरह के प्रोजेक्ट्स में एक-दूसरे के लिए निवेश कर रहे हैं. यह कदम भारत और ईरान के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में नई ऊर्जा लाएगा.


राष्ट्रपति रूहानी शुक्रावार को हैदराबाद पहुंचनकर वहां की ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में जुमा की नमाज अदा कर लोगों को संबोधित भी किया था. वे हैदराबाद की कुतुब शाही मस्जिद भी गए थे.


15 मिनट के भाषण के दौरान उन्होंने उद्योग, कृषि और नई तकनीक जैसे कई मोर्चों पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की पेशकेश की. उन्होंने कहा कि इस्लामिक धर्म को और सहिष्णु बनने की ज़रूरत है.