जयंती पर वीर सावरकर को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, संजय राउत ने कहा- भारत रत्न!
पीएम मोदी ने ट्वीट किया- आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन.विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था. सावरकर महाराष्ट्र के एक चितपावन ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे.
नई दिल्ली: आज भारतीय स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की 138 वीं जयंती है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूं. वहीं, शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा अपने ट्वीट में सावरकर को भारत रत्न बताया है.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘’आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन.’’
शिवसेना नेता संजय राउत ने मराठी में ट्वीट किया, ‘’भारत रत्न! वीर विनायक दामोदर सावरकर यांना अभिवादन! वंदे मातरम!’’ यानि भारत रत्न! वीर विनायक दामोदर सावरकर को नमस्कार! वन्दे मातरम.
वहीं, बीजेपी ने ट्वीट किया, ‘’मां भारती के वीर सपूत, प्रखर राष्ट्रवादी नेता, ओजस्वी वक्ता एवं समर्पित समाज सुधारक विनायक दामोदार सावरकर की जयंती पर शत्-शत् नमन.’’
28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था जन्म
बता दें कि विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था. 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के एक चितपावन ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए सावरकर शुरुआत से ही क्रांतिकारी थे. नासिक के कलेक्टर की हत्या के आरोप में अंग्रेजों ने 1911 में सावरकर को काले पानी की सजा सुनाई थी.
भारत की आजादी का पहला बड़ा आंदोलन 1857 में हुआ था. इस आंदोलन को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के तौर पर दर्ज करने का श्रेय विनायक दामोदर सावरकर को जाता है. जिन्होंने 1909 में एक किताब लिखी. इसका नाम था 'द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857'. इसी किताब ने 1857 की लड़ाई को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम घोषित किया था. ये सावरकर का पहला ऐसा बड़ा काम था, जिसे स्वतंत्र भारत में स्वीकार्यता मिली थी.
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