नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट काल के दौरान आज राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम ने देश में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया है. पिछली बार लॉकडाउन 21 दिनों का था जबकि इस बार लॉक डाउन 19 दिनों के लिए बढ़ाया गया है, पीएम मोदी ने आम लोगों की दिक्कतों की बात कही और कहा कि संकट के इस दौर में सीमित संसाधनों के बीच हम लॉकडाउन से ही इस बीमारी को हरा सकते हैं.


पीएम मोदी लोगों से सात बातों के लिए समर्थन मांगा

1. बुजुर्गों का खास ख्याल

2. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें

3. इम्यूनिटी बढ़ाएं

4. आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें

5. गरीब परिवार की देखरेख

6. किसी को नौकरी से ना निकलें

7. #CoronaWarriors  का सम्मान करें.


आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री के आधे घंटे के भाषण में क्या कुछ कहा


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, " कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. आपकी तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक, कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा है. आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है, अपने भारत को बचाया है."

उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं, आपको कितनी दिक्कतें आई हैं. किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी, कोई घर-परिवार से दूर है. लेकिन आप देश की खातिर, एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं और आप सबको आदर पूर्वक नमन करता हूं. हमारे संविधान में जिस “We the People of India” की शक्ति की बात कही गई है, वो यही तो है.


डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि 


उन्होेंने कहा कि बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर की जन्म जयंती पर, हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है. बाबा साहेब का जीवन हमें, हर चुनौती को अपनी संकल्प शक्ति और परिश्रम के बल बूते पर, पार करने की प्रेरणा देता है. मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहेब को नमन करता हूं.


त्योहारों का किया जिक्र


उन्होंने कहा कि साथियों, ये देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहारों का भी समय है और वैसे ही भारत तो उत्सवों से भरा रहता है. उत्सवों के बीच खिलखिलाता  रहता है.  बैसाखी, पोहेला बैशाक, पुथान्डु, बोहाग बिहु, विशु के साथ अनेक राज्यों में नए वर्ष की शुरुआत हुई है. लॉकडाउन के इस समय में देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर त्योहार मना रहे हैं, वो बहुत ही प्रेरक है, बहुत प्रशंसनीय है. मैं नए वर्ष पर आपके, आपके परिवारजन  के उत्तम स्वास्थ्य की मंगल कामना करता हूं.


पहले ही कर ली थी तैयारी


उन्होंने कहा कि साथियों, आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे हम सब भली-भांति परिचित हैं. अन्य देशों के मुकाबले, भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी. जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी.


कोरोना के मरीज सौ तक पहुंचे, उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था, अनेक जगहों पर मॉल, क्लब, जिम बंद किए जा चुके थे. साथियों, जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था. भारत ने, समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे, तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया.


भारत बेहतर स्थिति में


पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, वैसे ये एक ऐसा संकट है जिसमें किसी देश के साथ तुलना करना सही नहीं. लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि अगर दुनिया के बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देशों में कोरोना से जुड़े आंकड़े देखें तो आज भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है. महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में एक प्रकार से  भारत के बराबर खड़े थे. आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के केस, 25 से 30 गुना ज्यादा हैं. उन देशों में हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है.


भारत ने holistic approach न अपनाई होती, integrated approach न अपनाई होती, समय पर  तेज फैसले ना लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती इसकी कल्पना करते ही रोमटे खड़े हो जाते हैं.  लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में , वो ही सही है.


सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन से मिला लाभ


उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है. अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो ये मंहगा जरूर लगता है, बहुत बड़ी कीमत चुकानी पडी है, लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे, इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच, भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनिया भर में होना बहुत स्वाभाविक है.


देश की राज्य सरकारों ने भी, स्थानीय स्वराज्य संस्थानोंके  इकाइयोंने भी, इसमें बहुत जिम्मेदारी के साथ काम किया है, चौबीसों घंटे हर किसी ने अपना जिम्मा संभालने के प्रयास किया है , और हालात को संभाला है. लेकिन साथियों, इन सब प्रयासों के बीच, कोरोना जिस तरह फैल रहा है, उसने विश्व भर में हेल्थ एक्सपर्ट्स को और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है.


कई राज्य ले चुके हैं लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला


उन्होंने कहा कि भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कैसे बढ़े, हम विजय कैसे हो , हमारे यहां नुक्सान कम से कम कैसे हो,  लोगों की दिक्कतें कम कैसे करें  इन बातों को  लेकर राज्यों के साथ निरंतर चर्चायें की हैं. और इन सभी  चर्चाओं से एक बात उभर कर आती  है, हर किसी का एक ही सुझाव आता है,  सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए. कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं.


तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला


उन्होंने कहा कि  साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब तीन मई तक और बढ़ाना पड़ेगा. यानि तीन मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है.


हॉटस्पॉट एरिया में बरतनी होगी सतर्कता


पीएम मोदी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए. कहीं पर भी  कोरोना से एक भी मरीज की दुखद मृत्यु होती है, तो हमारी चिंता और बढ़नी चाहिए और इसलिए हमें  हॉटस्पॉट को चिह्नित  करके  पहले से भी ज्यादा , बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी.


जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है, उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी, कठोर कदम उठाने होंगे. नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा, नए संकट पैदा करेगा.  इसलिए, अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी.


पीएम मोदी ने कहा कि 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, इसका मूल्यांकन लगातार किया जाएगा.


जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है. लेकिन याद रखिए, ये अनुमति सशर्त होगी, बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे. लॉकडाउन के नियम अगर टूटते हैं , कोरोना का पैर हमारे इलाके में पड़ता हैं, तो सारी अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी. इसलिए, न खुद कोई लापरवाही करनी है और ना ही किसी और को लापरवाही करने देना है. कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी.


प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों, 20 अप्रैल से, चिह्नित क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान, हमारे गरीब भाई-बहनों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए किया गया है. जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो ही मेरा बृहद परिवार हैं. मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक, इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से सरकार ने उनकी मदद का हर संभव प्रयास किया है.


नई गाइलाइंस मे रखा जाएगा गरीबों का ख्याल


अब नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है. इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर, प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो. साथियों, देश में दवा से लेकर राशन तक का पर्याप्त भंडार है, सप्लाई चेन की बाधाएं लगातार दूर की जा रही हैं. हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से  अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है.


विश्व का अनुभव ये कहता है कि कोरोना के 10 हजार मरीज होने पर पंद्र सौ-सोलह सौ बेड्स की जरूरत होती है. भारत में आज हम एक लाख से अधिक बेड्स की व्यवस्था कर चुके हैं. इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं. इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है.


युवाओं  से आगे आने की कि अपील


पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, आज भारत के पास भले सीमित संसाधन हों, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए, मानव कल्याण के लिए, आगे आएं, कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं. साथियों, हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज 7 बातों में आपका साथ मांग रहा हूं.


पहली बात- अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें - विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें Extra Care करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है.


दूसरी बात- लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें , घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें.


तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें।


चौथी बात- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें. दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें.


पांचवी बात- जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें.


छठी बात- आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें.


सातवीं बात- देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें.


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