पीएम मोदी ने की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद की घोषणा, आजादी के बाद से बड़ा मिलिट्री रिफॉर्म
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस देश के 'ऑपरेशन्स-कमांडर' के तौर पर काम करेगा और तीनों सेनाओं के साझा मिशन उनके ही नेतृत्व में अंजाम दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री और सरकार को तीनों सेनाओं से संपर्क-सूत्र का माध्यम भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ही होगा.
नई दिल्ली: 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस बनाने की घोषणा की. तीनों सेनाओं के बेहतर समन्वय के लिए उठाए जाना वाला ये कदम, देश की आजादी के बाद से पहला बड़ा मिलिट्री रिफॉर्म (सैन्य-सुधार) के तौर पर देखा जा रहा है.
हालांकि, अभी सीडीएस के पद बनाए जाने की सिर्फ एक घोषणा हुई है और उसके स्वरूप के बारे में तकनीकी बारिकियां अभी साफ होनी बाकी हैं, लेकिन मौजूदा थलसेना प्रमुख, जनरल बिपिन रावत इस पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि, वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ जनरल बिपिन रावत से सीनियर हैं. धनोआ इस साल अक्टूबर में रिटायर हो रहे हैं जबकि रावत 31 दिसम्बर को रिटायर हो रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, सीडीएस देश के 'ऑपरेशन्स-कमांडर' के तौर पर काम करेगा और तीनों सेनाओं के साझा मिशन उनके ही नेतृत्व में अंजाम दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री और सरकार को तीनों सेनाओं से संपर्क-सूत्र का माध्यम भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ही होगा. सीडीएस के बनने के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुख अपनी अपनी सेनाओं के प्रशासनिक-चीफ के तौर पर काम करेंगे.
जानकारी के मुताबिक, पिछले काफी समय से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल के नेतृत्व में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सीडीएस पर काम कर रही हैं.
वर्ष 2014 में बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में सीडीएस बनाने को मुख्य तौर से अपने एजेंडे में रखा था. प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नरेन्द्र मोदी तीनों सेनाओं की ज्वाइंटनेस यानि एकीकरण पर जोर दे रहें हैं. वर्ष 2015 में एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य पर तीनों सेनाओं के सैन्य अधिकारियों के सम्मेलन, कम्बाइंड कंमार्डर्स कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने एकीकरण को लेकर अपना विजन साफ कर दिया था. तभी से सीडीएस बनाने की तैयारियां शुरू हो गई थी. हालांकि, माना जा रहा था कि वायुसेना ने सीडीएस को लेकर अपना 'रिजर्वेशन' जाहिर किया था.
करगिल युद्ध के बाद बनी सुब्रमणयम कमेटी रिपोर्ट ने पहली बार देश में सीडीएस बनाए जाने की सिफारिश की थी. लेकिन पिछले 20 सालों से ये मामला लटका हुआ था. करगिल युद्ध के दौरान थलसेना और वायुसेना के बीच समन्वय की कमी देखने को मिली थी.
हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि सीडीएस फॉर स्टार जनरल होगा या फाइव स्टार लेकिन इतना तय है कि अब सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर बालकोट एयर स्ट्राइक, सारे ऑपरेशन्स को अंजाम देने की जिम्मेदारी सीडीएस की ही होगी (फिलहाल तीनों सेनाओं के प्रमुख फॉर स्टार जनरल हैं).
माना जा रहा है कि सीडीएस का पद बनाए जाने के बाद सरकार तीनों सेनाओं के लिए थियेटर-कमांड बनाने का काम करेगी.
अमेरिका, चीन, यूके और फ्रांस जैसे देशों में काफी समय से सीडीएस रैंक का एक अधिकारी है.