Narendra Modi 3.0: प्रधानमंत्री मोदी ने PMO स्टाफ से क्यों कहा जो जाना चाहे, जाए?
पीएम मोदी ने स्टाफ को संबोधित करते हुए कहा कि जब सरकार की बात होती है तो वह अकेले नहीं होते उनके साथ वो हजारों दिमाग और भुजाएं भी होती हैं, जिससे एक सामान्य व्यक्ति सामर्थ्य का साक्षात्कार करता है.
पीएम नरेंद्र मोदी पद संभालने के बाद सोमवार (10 जून, 2024) को प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पीएमओ कर्मचरियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो कार्यालय छोड़कर जाना चाहता है, जा सकता है, जाने वालों को शुभकामनाएं हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने स्टाफ से कहा कि वैल्यू एडिशन के साथ काम करना चाहिए. अगर ये भाव है तो पांच साल के अंदर सरकार उन सपनों और लक्ष्यों को पूरा कर सकती है जिन्हें हम लेकर चले हैं.
पीएम मोदी ने पीएमओ स्टाफ से कहा कि उनमें से कई लोग 10 साल से उनके साथ हैं और कुछ नए जुड़े हैं. कई ऐसे भी होंगे जो जाना चाहते होंगे. उन्होंने कहा, 'हम वो लोग नहीं हैं कि जो इतने बजे ऑफिस शुरू होता है और इतने बजे पूरा होता है. हमारे लिए समय के बंधन नहीं हैं. हमारे लिए सोचने की सीमाएं नहीं हैं. हमारे लिए पुरुषार्थ के लिए कोई मानदंड नहीं है. जो इससे परे हैं वो ही तो मेरी टीम है, जिस पर देश को भरोसा है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, 'आप में से कई लोग ऐसे होंगे, जो 10 साल से मुझे झेल रहे हैं, कुछ लग रहा है जो शायद अब झेलना शुरू करेंगे. कुछ लोग होंगे साहब बहुत हो गया, कहीं और जाएं तो अच्छा होगा. जो जाना चाहते हैं वो जाएं, उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं. जो आना चाहते हैं, जो मनभाव से खप जाना चाहता है पांच साल. आइए आपको निमंत्रण है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'सरकार की बात आती है, तब वो अकेला मोदी नहीं होता है. उसके साथ जो हजारों दिमाग जुड़े हैं, हजारों मस्तिष्क जो काम में लगे हुए हैं, हजारों भुजाएं जिस काम को कर रही हैं, ये जो विराट रूप है उसी का परिणाम होता है कि सामान्य आदमी को भी उसके सामर्थ्य का साक्षात्कार होता है. जब एक बार सामर्थ्य का साक्षात्कार हो जाता है तो समर्पण अपने आप समाहित हो जाता है और ये पूरा तीन महीने का कालखंड उस सामर्थ्य के साक्षात्कार का, उस सामर्थ्य के प्रति समर्पण के भाव का और उस समर्पण के अंदर नए संकल्पों की ऊर्जा जुड़ी हुई थी, जिसका परिणाम है कि आज हम फिर एक बार देश की सेवा के लिए प्रसस्त हो रहे हैं.'
पीएम मोदी ने एक बार फिर 2047 का नारा दोहराया और कहा, 'मैंने पब्लिकली कहा है मेरा पल-पल देश के नाम है. मैंने 24/7 फॉर 2047, मुझे टीम से वो अपेक्षाएं हैं. मैं अपनी टीम से यह चाहता हूं. उसमें भी मैंने मिला हुआ काम गलती के बिना पूरा कर दिया अच्छी बात है, लेकिन परिपूर्णता नहीं है, मैंने उसमें वैल्यू एडिशन क्या किया. अगर हमारा भाव ये है कि मैंने काम इतने बेहतर तरीके से किया कि अब किसी और को करने की जरूरत नहीं है तो मुझे पक्का विश्वास है कि पांच साल के अंदर उन सपनों और लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं, जिन्हें हम लेकर चले.'