इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में बोले पीएम मोदी, हमारा विज्ञान समुदाय दुनिया की बेहतरीन क्षमताओं के साथ बढ़े आगे
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में पीएम मोदी ने कहा- भारत को दुनिया का विश्वसनीय सेंटर बनाए जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही, हम यह चाहते हैं कि हमारा विज्ञान समुदाय दुनिया की बेहतरीन क्षमताओं के साथ आगे बढ़े.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज स्कूलों में साइंस को बढ़ावा दिया जा रहा है. ज्यादा आईआईटी बनाने पर जोर है और शिक्षा व्यवस्था में बदलाव हो रहा है. इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत को दुनिया का विश्वसनीय साइंस सेंटर बनाने पर जोर दिया है. देश में साइंस टेक्नॉलोजी के विस्तार पर जोर दिया है.
पीएम मोदी ने कहा- “भारत के पास विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की एक समृद्ध विरासत है. हमारे वैज्ञानिकों ने शानदार शोध किए हैं. हमारी टेक्नॉलोजी इंडस्ट्री दुनिया की समस्याओं को सुलझाने में सबसे आगे है लेकिन भारत और अधिक करना चाहता है.”
All our efforts are aimed at making India the most trustworthy centre for scientific learning. At the same time, we want our scientific community to share and grow with the best of global talent. No wonder India has become active in hosting hackathons: PM Modi https://t.co/YyiwPzoyMJ
— ANI (@ANI) December 22, 2020
उन्होंने आगे कहा- भारत को दुनिया का विश्वसनीय सेंटर बनाए जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही, हम यह चाहते हैं कि हमारा विज्ञान समुदाय दुनिया की बेहतरीन क्षमताओं के साथ आगे बढ़े. पीएम मोदी ने कहा कि देश की साइंस टेक्नॉलोजी के विस्तार पर जोर दिया गया है. भारत आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक साइंस टेक्नोलॉजी तक सभी की पहुंच ना हो पाए ये अधूरे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 दिसंबर को सुबह 11 बजे विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी का ये संबोधन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए होगा. शताब्दी समारोह में इस मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी मौजूद रहेंगे. 1921 में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती देश का सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय भी है. मई 1951 में संसद के एक अधिनियम के ज़रिए विश्व भारती को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और 'राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान' घोषित किया गया था.