नई दिल्लीः बजट 2018-19 पेश होने से ठीक 21 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नीति आयोग, अर्थशास्त्रियों और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और अर्थ क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बैठक में आने वाले बजट सहित इकोनॉमी के कई प्रमुख मोर्चों पर चर्चा की.
इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, परिवहन और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, योजना राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह के साथ नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और दूसरे सदस्यों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा सरकार के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे. इस बैठक में आर्थिक विकास दर को गति देने और रोजगार बढ़ाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई.
इस बैठक में भारत की इकोनॉमिक पॉलिसी पर चर्चा करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यणम ने कहा कि भारत के विकास में सुधार देखा जा रहा है जो पॉजिटिव संकेत है.
विशेषज्ञों के साथ बैठक में सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार निर्भीकता के साथ फैसले लेने में सक्षम है और सरकार साहसिक फैसले लेने से नहीं हिचकेगी. दीर्घकालिक हित के फैसले लेने के लिए ये सरकार तैयार है. अपने विशालकाय देश में कई अंतर्विरोध और इसी के बीच आगे बढ़ते हुए विकास करना है. एक तरफ राजकोषीय घाटा कम रखना है तो दूसरी तरफ नई कल्याणकारी योजनाएं भी चलानी होती है. संतुलन कायम रखते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ना सरकार की प्राथमिकता है.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट भी थे. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज बैठक के बाद कहा कि किसानों की आमदनी को दुगुना करना प्रधानमंत्री की मुख्य चिंता है. आर्थिक जानकारों ने ये राय भी दी कि किसानों की आमदनी बढ़ाने की जगह फोकस उत्पादन बढ़ाने पर होना चाहिए.
हाल ही में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल बनाने की जो बात है जिसपर डॉक्टर्स विरोध कर रहे थे लेकिन जानकारी के मुताबिक इसका सभी एक्सपर्ट और डॉक्टरों ने समर्थन किया है.
आज की बैठक की खास बात ये रही है कि खबर निकलकर आई है कि नीति आयोग ने एक टास्क फोर्स का गठन किया जिससे पता चला है कि रोजगार देने के आंकड़े उससे काफी बेहतर हैं जो सामान्यतः बताए जा रहे हैं.
नीति आयोग रोजगार के आंकड़ों को आगे जारी कर सकता है और आगे भी इस एक्सरसाइज को जारी रखने की कोशिश रहेगी. इस पर भी चर्चा हुई कि क्या भारत एक्सपोर्ट आधारित गतिविधियों को शुरू कर सकता है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली आने वाले 1 फरवरी को बजट पेश करेंगे और कल ही नीति आयोग ने प्रधानमंत्री के साथ ‘आर्थिक नीति: आगे का रास्ता’ विषय पर चर्चा के लिए अर्थशास्त्रियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों के समूह को आमंत्रित किया था. बैठक में मुख्य रूप से 6 बिंदुओं- वृहत आर्थिक संतुलन, कृषि और ग्रामीण विकास, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा और संपर्क, रोजगार, विनिर्माण और निर्यात तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर चर्चा की गई.