नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुपये की विनिमय दर में गिरावट और पेट्रोलियम ईंधन की कीमतों में लगातार तेजी के बीच देश की आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ शुक्रवार को राजधानी में बैठक शुरू की. समीक्षा बैठक कल भी चलेगी. अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन की चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और नीति निर्धाण में शामिल होने वाले खास-खास अधिकारियों के साथ मुलाकात की. उनके अनुसार रुपये और पेट्रोलियम कीमत जैसे चर्चित मुद्दों के अलावा समीक्षा बैठक में आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए आवश्यक सुधारवादी उपायों पर भी चर्चा हो रही है.
सरकार को मिले है ये सुझाव
कुछ हलकों से यह भी सुझाव है कि सरकार को इस समय एक्सपोर्ट को प्रोत्साहित करने के उपायों के साथ साथ ब्याज दर बढ़ाने के उपाय भी करने चाहिए ताकि रुपये का एक्सचेंज रेट मजबूत हो. रुपया पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था. अगस्त में रुपया छह फीसदी के करीब गिर कर 72 से नीचे चला गया था.
डीजल और पेट्रोल के भाव रिकॉर्ड स्तर पर
इस समय डीजल और पेट्रोल के भाव भी रिकार्ड स्तर पर चल रहे हैं. विपक्ष ने इसके खिलाफ 10 सितंबर को भारत बंद का आयोजन किया था और डीजल पेट्रोल पर शुल्क घटाने के लिए दबाव बनाया था. शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल 81.28 रुपये और मुंबई में 88.67 रुपए प्रति लीटर और डीजल क्रमश: 73.30 और 77.82 रुपये लीटर के स्तर पर चला गया. अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे के तेल में उछाल और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के चलते तेल कंपनियों को ईंधन के खुदरा दाम बढ़ाने पड़ रहे है.
पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में दो रुपये लीटर की कमी करने के लिए 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व छोड़ना पड़ेगा. सरकार इस समय राजकोषीय घाटे को बढ़ने की कोई छूट देना का जोखिम नहीं ले सकती.
झटके में कोई फैसला नहीं करेगी सरकार
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है और उसको बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार का कहना है कि वह पेट्रोलियम कीमतों के मामले में ‘झटके में कोई फैसला नहीं करेगी.’ भारत को कच्चे तेल की आवश्यकता का 80 फीसदी से अधिक आयात करना पड़ता है. पेट्रोलियम महंगा होने से व्यापार घाटा बढ़ रहा है और चालू खाते का घाटा भी पहली तिमाही 2.4 फीसदी तक पहुंच गया.
अमेरिका में ब्याज दरें के बढ़ने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत जैसे बाजारों से पूंजी निकाल रहे है. इससे उनकी करेंसी के एक्सचेंज रेट और चालू खाते पर दबाव बढ़ा है.
अगस्त में एक्सपोर्ट में शानदार बढ़ोतरी
ऐसे माहौल में अगस्त में एक्सपोर्ट में 19 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ व्यापार घाटे की स्थिति में अप्रत्याशित सुधार दिखा. अगस्त में यह घाटा 17.40 अरब डॉलर रहा. जुलाई में व्यापार घाटा 18.02 अरब डॉलर के बराबर था. अगस्त में एक्सपोर्ट 19.21 फीसदी बढ़ कर 27.84 अरब डॉलर और आयात 25.41 फीसदी वृद्धि के साथ 45.24 अरब डॉलर रहा.
आर्थिक आंकड़ों से सरकार को मिली राहत
अगस्त में महंगाई दर के मोर्चे पर भी राहत रही. इस दौरान रिटेल महंगाई दर 10 महीने के न्यूनतम स्तर 3.69 फीसदी और थोक महंगाई दर 4 माह के न्यूनतम स्तर 4.53 फीसदी पर थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में आर्थिक विकास दर का 8.2 फीसदी का आंकड़ा भी उत्साहवर्धक रहा. यह दो साल का सबसे अच्छा तिमाही आंकड़ा है.
विश्लेषकों का कहना है कि अगली तिमाहियों में तुलनात्मक आधार ऊंचा होने से इस स्तर की विकास दर का बने रहना कठिन होगा पर निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था फिर गति पकड़ चुकी है.
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प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक कर जाना अर्थव्यवस्था का हालः फिलहाल पेट्रोल-डीजल पर नहीं हुआ कोई एलान
एजेंसी
Updated at:
14 Sep 2018 10:52 PM (IST)
अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन की चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और नीति निर्धाण में शामिल होने वाले खास-खास अधिकारियों के साथ मुलाकात की.
फाइल फोटो
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