Kerala Priest Critisized PM Modi: केरल में ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक वरिष्ठ पादरी ने पिछले दिनों केरल के पलक्कड के एक स्कूल में क्रिसमस आयोजन के दौरान विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कथित रूप से उत्पन्न किए गए व्यवधान का जिक्र करते हुए मंगलवार (24 दिसंबर, 2024) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा. मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के त्रिशूर बिशपक्षेत्र के मेट्रोपॉलिटन युहानोन मोर मेलेटियस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर प्रधानमंत्री की आलोचना की.
इससे एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में कैथलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) के आयोजित क्रिसमस समारोह में हिस्सा लिया था. पादरी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘वहां बिशपों का सम्मान किया जाता है और क्रिब का सम्मान किया जाता है. यहां क्रिब में तोड़फोड़ की जाती है. मलयालम में ऐसे व्यवहार के लिए कोई शब्द होना चाहिए, है न?’’ ‘क्रिब’ ईसा मसीह के जन्म को दर्शाने वाली प्रदर्शनी होती हैं.
मेटेलियस की टिप्पणी से चर्च ने खुद किया अलग
पोस्ट के व्यापक रूप से प्रसारित होने और मीडिया का ध्यान आकर्षित होने के बाद चर्च ने मेलेटियस की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया. इसके प्रमुख, बेसिलियोस मार्थोमा मैथ्यूज तृतीय ने स्पष्ट किया कि मेट्रोपॉलिटन के विचार उनकी (निजी) “राय” थी. केरल में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्थानीय कार्यकर्ताओं की ओऱ से एक स्कूल में क्रिसमस समारोह में कथित रूप से व्यवधान उत्पन्न करने और पलक्कड जिले में अज्ञात उपद्रवियों के एक अन्य स्कूल में बच्चों के बनाए गए प्रतीकात्मक ‘क्रिब’ को नुकसान पहुंचाने के कारण हाल में राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ.
राज्य सरकार ने घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल को तैनात किया है. कैथोलिकोस ऑफ द ईस्ट एंड मलंकारा मेट्रोपॉलिटन बेसिलियोस मार्थोमा मैथ्यूज तृतीय ने स्पष्ट किया कि ऑर्थोडॉक्स चर्च किसी भी राजनीतिक दल या प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति सहित नेताओं के बयानों के प्रति “नकारात्मक दृष्टिकोण” नहीं अपनाता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चर्च सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं का “स्पष्ट रूप से सम्मान करता है”.
‘मेटेलियस ने व्यक्त की निजी राय’
सीबीसीआई के अध्यक्ष मार एंड्रयूज थजाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी के संबंध में युहानन मोर मेलेटियस की ओर से की गई टिप्पणी उनकी निजी राय थी, व्यक्तिगत आलोचनाओं पर उनकी कोई और टिप्पणी नहीं है. उन्होंने यहां मीडिया से कहा, “हमने अपने क्रिसमस समारोह में किसी बीजेपी नेता को नहीं, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है. यह निमंत्रण राजनीति पर आधारित नहीं था.”
कांग्रेस ने भी साधा पीएम मोदी पर निशाना
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीडब्ल्यूसी सदस्य रमेश चेन्निथला ने प्रधानमंत्री मोदी पर क्रिसमस समारोह में भाग लेने का आरोप लगाया, जबकि कथित तौर पर उन्होंने संघ परिवार के संगठनों को उत्सव में बाधा डालने और देश भर में ईसाई समुदाय को धमकाने की अनुमति दी. उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘मोदी दोहरे मापदंड का सबसे बड़ा उदाहरण हैं.’’
चेन्निथला ने पलक्कड़ के स्कूलों में हुई घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं “केरल के पारंपरिक रूप से सौहार्दपूर्ण धार्मिक माहौल में अनसुनी हैं.” कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि “भारत में ईसाइयों को डर और धमकी के बीच क्रिसमस मनाने के लिए मजबूर किया जाता है.”
कम्युनिस्ट पार्टी ने भी की पीएम मोदी की आलोचना
इस बीच, राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ में दूसरे सबसे बड़े घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने प्रधानमंत्री के शामिल होने की तीखी आलोचना की और इसे ‘‘राजनीतिक पाखंड’’ करार दिया. भाकपा के प्रदेश सचिव बिनॉय विस्वम ने एक बयान में आरोप लगाया कि एक तरफ प्रधानमंत्री ईसा मसीह और उनके प्रेम को लेकर उपदेश दे रहे हैं, दूसरी तरफ उनके ‘संघ बंधु’ केरल के नल्लेपिल्ली में क्रिसमस समारोह में रोड़े अटकाकर ईशनिंदा का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री के सीबीसीआई मुख्यालय में बोले गए शब्दों में थोड़ी भी शुचिता है, तो उन्हें क्रिसमस के दौरान प्यार और शांति के संदेश के साथ मणिपुर जाना चाहिए. विस्वम ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री मणिपुर जाने को तैयार हैं? इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने स्थानीय विहिप कार्यकर्ताओं द्वारा एक स्कूल में क्रिसमस समारोह में कथित तौर पर व्यवधान उत्पन्न करने की कड़ी निंदा की और सभी से राज्य में “सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट होने” का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सीबीसीआई के समारोह में कहा कि जब समाज में हिंसा फैलाने और अवरोध पैदा करने की कोशिश की जाती है, तो उनके हृदय में पीड़ा होती है. मोदी ने कल आयोजित समारोह में ईसा मसीह के उपदेशों के अनुरूप प्रेम, सौहार्द और भाईचारे की भावना मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया. यह पहली बार है जब किसी प्रधानमंत्री ने भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लिया है.
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