PM Modi Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की. इस समिति का गठन श्री अरबिंदो (Sri Aurobindo) की 150 वीं जयंती मनाने के लिए किया गया है. समिति की अधिसूचना इसी साल 20 दिसंबर को जारी की गई थी. इस समिति में कई क्षेत्रों से 53 सदस्य शामिल हैं. बैठक के दौरान संस्कृति सचिव (Culture Secretary) गोविंद मोहन ने समारोह के लिए रोडमैप पर एक प्रस्तुति दी और सदस्यों से श्री अरबिंदो की 150 वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए सुझाव मांगे. इस दौरान प्रधानमंत्री (PM) ने मौके पर अरबिंदो के स्मरणोत्सव पर अपने बहुमूल्य विचारों और सुझावों के लिए सम्मानित सदस्यों का आभार व्यक्त किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अरबिंदो के 'क्रांति' और 'विकास' के दर्शन के दो पहलू महत्वपूर्ण महत्व के हैं और स्मरणोत्सव के हिस्से के रूप में इस पर जोर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि युवाओं को श्री अरबिंदो द्वारा प्रतिपादित महामानव बनाने के लिए नर से नारायण के दर्शन में सन्निहित महानता की अवधारणा के प्रति प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दुनिया के आध्यात्मिक नेता के रूप में यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह दुनिया भर के देशों में आध्यात्मिकता के संदर्भ में योगदान करे. उन्होंने सुझाव दिया कि देश भर के 150 विश्वविद्यालयों को श्री अरबिंदो के जीवन और दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर पत्र लिखने और इस अवसर पर प्रकाशित होने वाले 150 पत्रों में शामिल होना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर पुडुचेरी से श्री अरबिंदो के स्मरणोत्सव समारोह की शुरुआत करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि यह स्मरणोत्सव युवाओं को पुडुचेरी जाने और उनके जीवन और शिक्षाओं के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जहां श्री अरबिंदो ने 1910 से 1950 तक अपना जीवन बिताया था.
प्रधानमंत्री ने किरीट जोशी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी चर्चाओं और विचार-विमर्शों को याद किया. उन्होंने बताया किरीट जोशी श्री अरबिंदो के शिष्य थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अरबिंदो पर किरीट जोशी के साहित्य को दुनिया भर में व्यापक रूप से प्रसारित किया जाना चाहिए. वहीं गृहमंत्री ने प्रतिभागियों को उनके बहुमूल्य सुझावों और समय के लिए धन्यवाद दिया.
समिति की आज की बैठक हाईब्रिड मोड में हुई जिसमें 16 विशिष्ट सदस्य उपस्थित थे और 22 सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से भाग लिया. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने विशिष्ट प्रतिभागियों का स्वागत किया. बैठक में सदस्यों ने अपने सुझाव दिए. इस दौरान सभी सदस्यों ने राय व्यक्त की कि श्री अरबिंदो की समग्र शिक्षा की अवधारणा नई शिक्षा नीति का एक हिस्सा होना चाहिए और इसे कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.