(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मोदी कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री ने आंदोलनकारी किसानों से कहा- खत्म नहीं होगी मंडियां, दिए जा रहे हैं फंड
PM Modi Cabinet Decisions: कैबिनेट की बैठक के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मंडिया खत्म नहीं होगी. उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की.
PM Modi Cabinet Decisions: किसानों का आंदोलन सात महीने से अधिक से समय से जारी है. किसान तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. इस बीच आज मोदी कैबिनेट की बैठक में किसानों से जुड़े कुछ बड़े फैसले लिए गए. पीएम मोदी की अपनी नई टीम के साथ यह पहली बैठक थी.
कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को मंडी के जरिए एक लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने कहा, ''किसान आंदोलन से जुड़े मित्रों से कहना चाहता हूं कि आम तौर पर यह कहा जाता है कि नए कानून आए हैं उससे एपीएमसी खत्म हो जाएगा. आप सबके ध्यान में है कि भारत सरकार ने जो कुछ भी समय समय पर कहा है वो करने का प्रयास किया है. बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी. मंडियों को और मजबूत किया जाएगा. जो कृषि अवसंरचना फंड एक लाख करोड़ आवंटित किया गया है. इसमें से फंड का इस्तेमाल एपीएमसी कर सकती हैं. कैबिनेट के फैसले के अनुसार एपीएमसी भी अब पात्र होंगी. संसाधन बढ़ा सकती है.'' बता देंकि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट (APMC एक्ट) के तहत कृषि विपणन समितियां बनी है.
नरेंद्र तोमर ने कहा, ''एपीएमसी खत्म नहीं होगी. कृषि कानून लागू होने के बाद भी कृषि उपज मंडी को करोड़ों रुपये का साधन भारत सरकार की ओर से इस अवसंरचना फंड में से उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे वो सशक्त होंगी.''
उन्होंने कहा कि एपीएमसी की क्षमता बढ़ेगी. कहा जा रहा है कि एमएसपी खत्म हो जाएगी. लेकिन देखा जा सकता है कि एमएसपी पर लगातार खरीद बढ़ रही है. जहां के लोग आंदोलन में अधिक हैं, वहां के किसानों को हजारों करोड़ रुपया उनके अकाउंट में इसबार एमएसपी पर खरीद कर पैमेंट किया गया है. किसान यूनियन के नेताओं से अपील करता हूं कि वो इन सब चीजों पर गंभीरता से विचार करें. आंदोलन को समाप्त करें. चर्चा का माध्यम अपनाएं. सरकार चर्चा के लिए तैयार है.
बता दें कि सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान दिल्ली के गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर पिछले सात महीने से डटे हैं. सरकार और किसानों के बीच शुरुआती दिनों में कई दौर की बैठकें हुई लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका.
नारियल बोर्ड
नरेंद्र तोमर ने कहा कि नारियल की खेती का उत्पादन बढ़े इसके लिए नारियल बोर्ड 1981 में अस्तित्व में आया था. इस एक्ट में संसोधन करने जा रहे हैं. बोर्ड का अध्यक्ष कोई शासकीय व्यक्ति नहीं होगा. बोर्ड का अध्यक्ष किसानी बैकग्राउंड से होगा. बोर्ड में एक सीईओ भी होगा.