PM Modi UNSC: समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए PM मोदी ने बताए पांच सिद्धांत, कहा- हमारे समुद्री रास्ते 'इंटरनेशनल ट्रेड लाइफ लाइन'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार की शाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिद की समुद्री सुरक्षा पर एक खुली परिचर्चा की डिजिटल माध्यम से अध्यक्षता की और इसकी चुनौतियां पर दुनिया के सामने अपना विचार रखा.
LIVE
Background
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की समुद्री सुरक्षा पर एक खुली परिचर्चा की डिजिटल माध्यम से अध्यक्षता की. इस परिचर्चा का विषय ‘‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता” है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस बैठक में यूएनएससी के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली एवं प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के उच्च स्तरीय विशेषज्ञों के भाग लेने की उम्मीद है.
इस परिचर्चा में समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने तथा समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा. पीएमओ ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे.’’
पीएमओ ने बताया कि यूएनएससी ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है और कई प्रस्ताव पारित किए हैं. हालांकि, ऐसा पहली बार है जब उच्च स्तरीय खुली बहस में एक विशेष एजेंडा के रूप में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की जाएगी. पीएमओ ने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि कोई भी देश अकेले समुद्री सुरक्षा के विभिन्न आयामों से जुड़ी समस्यायों का समाधान नहीं कर सकता है, इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समग्र रूप से विचार करना महत्वपूर्ण है.’’
एसके मुताबिक समुद्री सुरक्षा का व्यापक दृष्टिकोण, वैध समुद्री गतिविधियों की रक्षा और समर्थन करने में सक्षम होगा, साथ ही इसके माध्यम से समुद्री क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला भी किया जा सकेगा.
भारत इस साल अगस्त से कर रहा यूएनएससी की अध्यक्षता
भारत इस साल अगस्त महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है. एक अगस्त से भारत ने यह जिम्मेदारी संभाल भी ली है. यूएनएससी में केवल पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस है. वर्तमान में भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है.
समुद्री सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी ने बताए ये पांच सिद्धांत
प्रधानमंत्री मोदी ने यूएनएससी में समुद्री सुरक्षा पर खुली परिचर्चा के दौरान अपनी बातें रखते हुए कहा- मैं आप के समक्ष पांच मूल सिद्धांत रखना चाहूंगा. पहला सिद्धांत: हमें legitimate maritime trade से barriers हटाने चाहिए. हम सभी की समृद्धि maritime trade के सक्रिय flow पर निर्भर है. इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं.
दूसरा सिद्धांत: maritime disputes का समाधान शांतिपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए. आपसी trust और confidence के लिए यह अति आवश्यक है. इसी माध्यम से हम वैश्विक शान्ति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं. तीसरा सिद्धांत: हमें प्राकृतिक आपदाओं और non-state actors द्वारा पैदा किए गए maritime threats का मिल कर सामना करना चाहिए. इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम लिए हैं. Cyclone, सुनामी और प्रदूषण संबंधित समुद्री आपदाओं में हम फर्स्ट रेसपोंडर रहे हैं.
चौथा सिद्धांत: हमें maritime environment और maritime resources को संजो कर रखना होगा. जैसा कि हम जानते हैं, Oceans का climate पर सीधा impact होता है और इसलिए, हमें अपने maritime environment को plastics और oil spills जैसे प्रदूषण से मुक्त रखना होगा. पांचवा सिद्धांत: हमें responsible maritime connectivity को प्रोत्साहन देना चाहिए. यह तो स्पष्ट है कि समुद्री व्यापार को बढ़ाने के लिए infrastructure का निर्माण आवश्यक है। लेकिन, ऐसे infrastructure projects के development में देशों की फिस्कल sustainability और absorption capacity को ध्यान में रखना होगा.
पीएम मोदी ने कहा- अनेक देशों के बीच समुद्री सीमाओं को लेकर चल रहा विवाद
पीएम मोदी ने कहा कि पायरेसी और आतंकवाद के लिए समुद्री रास्तों का दुरूपयोग हो रहा है. अनेक देशों के बीच maritime disputes हैं और climate change तथा प्राकृतिक आपदाएं भी maritime domain से जुड़े विषय हैं.
पायरेसी और आतंकवाद के लिए समुद्री रास्तों का दुरूपयोग हो रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2021
अनेक देशों के बीच maritime disputes हैं।
और climate change तथा प्राकृतिक आपदाएं भी maritime domain से जुड़े विषय हैं: PM @narendramodi
पीएम मोदी ने कहा- आतंकवाद के लिए समुद्री रास्ते का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए सोमवीर की शाम को कहा कि समुद्र हमारी साझा धरोहर हैं. हमारे समुद्री रास्ते international trade की लाइफ लाइन हैं. और, सबसे बड़ी बात यह है कि ये समुद्र हमारे Planet के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. लेकिन हमारी इस साझा समुद्री धरोहर को आज कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.