नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. इस महत्वपूर्ण बैठक में पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं की प्रगति की रिपोर्ट ली. सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार की बैठक में केंद्रीय वाणिज्य, उपभोक्ता एवं खाद्य और आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विभिन्न परियोजनाओं को लेकर जानकारी दी. साथ ही इनके क्रियान्वयन को लेकर बैठक में प्रजेंटेशन भी दिया. प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं को लेकर कई निर्देश भी दिए.
बैठक के आखिरी दौर में ओपन हाउस सत्र रखा गया, जिसमें सरकार के कामकाज को और बेहतर बनाने के मुद्दें पर कई मंत्रियों ने भी अपने सुझावों को प्रधानमंत्री के सामने रखा.
मंत्रिपरिषद की बैठक में तीनों स्तरों के मंत्री होते हैं शामिल
दरअसल, सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री कैबिनेट की बैठक के अलावा नियमित अंतराल पर इस तरह से मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाते रहते हैं. कैबिनेट की बैठकों में सिर्फ कैबिनेट मंत्री ही शामिल होते हैं और अगर किसी मंत्री के मंत्रालय से जुड़ा कोई मामला बैठक के एजेंडे में शामिल होता है तभी उन्हें बुलाया जाता है. लेकिन मंत्रिपरिषद की बैठक में तीनों स्तरों के मंत्री (कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री-स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री) शामिल होते हैं.
सामान्य भाषा में इसे चिंतन शिविर का नाम दिया गया है, जिसमें जूनियर और नए मंत्री वरिष्ठ और पुराने मंत्रियों से कामकाज का स्टाइल सीखते हैं. उन्हें प्रधानमंत्री का भी मार्गदर्शन मिलता है.
फेरबदल के बाद चौथी मंत्रिपरिषद की बैठक
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में 7 जुलाई को हुए फेरबदल के बाद से यह चौथा मौका था जब प्रधानमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई थी. पिछली बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेजेंटेशन दिया था. सरकार के कामकाज को और अधिक बेहतर बनाने के प्रयासों में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रवैये को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में इस तरह के चिंतन शिविर लगातार बुलाए जाते रहेंगे.
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