Assam Moidams UNESCO List: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहल करने के वास्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रवार को आभार जताया कि अहोम राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीले नुमा ढांचे में दफनाने की 600 साल पुरानी व्यवस्था मोइदम्स को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह मिले. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत का भी धन्यवाद किया.


ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ''यह असम के लिए बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि चराइदेव मोइदम्स अब आधिकारिक तौर पर यूनेस्को विरासत स्थल है. असम इस सम्मान के लिए हमेशा केंद्र का ऋणी रहेगा. यह कदम केवल असम के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए सम्मान का विषय है.''  


पीएम नरेंद्र मोदी का रिएक्शन


मोइदम्स के यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कहा कि यह भारत के लिए काफी खुशी और गर्व की बात है. उन्होंने कहा, "चराइदेव में मोइदम्स गौरवशाली अहोम संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं, जो पूर्वजों के प्रति अत्यधिक श्रद्धा रखती है. मुझे आशा है कि अधिक से अधिक लोग महान अहोम शासन और संस्कृति के बारे में सीखेंगे."






'पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति'


मोइदम्स यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति है. असम सरकार ने 2023 में प्रधानमंत्री को इस बाबत एक डोजियर सौंपा था, जिन्होंने यूनेस्को की वर्ष 2023-24 की विश्व विरासत सूची में शामिल करने के लिए भारत की ओर से नामांकन के लिए भेजे जानी वाली धरोहरों की सूची में से मोइदम्स को चुना था.


असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ''मोइदम्स की अनुशंसा करने की प्रधानमंत्री की पहल अहम थी, क्योंकि एक साल के लिए एक देश से केवल एक ही प्रविष्टि भेजी जा सकती है.'' नयी दिल्ली में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र की पूर्ण बैठक में मोइदम्स को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने की घोषणा की गई.


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