नई दिल्ली: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने शनिवार को अंतरिक्ष में एक नई उड़ान भरी. साल के पहले सैटेलाइट 'EOS-01' (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C49 रॉकेट से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. इस कामयाबी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई दी.


अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, “मैं आज PSLV-C49 / EOS-01 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो और भारत के स्पेस इंडस्ट्री को बधाई देता हूं. कोविड-19 के समय में, हमारे वैज्ञानिकों ने समय सीमा को पूरा करने के लिए कई बाधाओं को पार किया.” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “अमेरिका और लक्जमबर्ग के चार और लिथुआनिया के एक सैटेलाइट सहित नौ उपग्रहों को भी मिशन में लॉन्च किया गया है.”





ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01) ने 26 घंटों की उल्टी गिनती के बाद अपराह्न तीन बजकर 12 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी. प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद यान ने सभी उपग्रहों को एक-एक कर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया.


इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण का समय पहले तीन बजकर दो मिनट तय किया गया था लेकिन यान के मार्ग में मलबा होने की वजह से इसमें 10 मिनट की देरी की गई. यह इस साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला मिशन है. इसरो ने कहा कि ईओएस-01 से कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी.


वहीं इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा, “इस महामारी के दौरान इसरो की टीम ने गुणवत्ता से समझौता किए बिना कोविड दिशानिर्देशों के अनुसार काम किया. इसरो के सभी कर्मचारियों को इस समय गुणवत्तापूर्ण काम करते देखना वास्तव में खुशी की बात है.”


के सिवन ने यह भी कहा, “यह मिशन इसरो के लिए बहुत खास और असाधारण है. अंतरिक्ष गतिविधि 'घर से काम' से नहीं की जा सकती. हर इंजीनियर को लैब में उपस्थित रहना पड़ता है. जब इस तरह के मिशनों के बारे में बात की जाती है, तो प्रत्येक तकनीशियन, कर्मचारी को एक साथ मिलकर काम करना पड़ता है.”


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