PM Modi Mother Heeraben: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन (Heeraben Modi) का आज तड़के 30 दिसंबर को निधन हो गया. उन्होंने अहमदाबाद के यूएन मेहता हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली, जहां वे मंगलवार को तबीयत बिगड़ने पर भर्ती कराई गई थीं. इसी साल 18 जून को हीराबेन ने अपना 100 वां जन्मदिन मनाया था. प्यार से लोग उन्हें हीराबा भी कहते थे. उनका यह नाम दुनिया की कई नामचीन हस्तियों की जुबान पर भी आया. भारत का प्रधानमंत्री बनने पर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जब अमेरिका (USA) गए तो वहां स्टेज पर ही मां को याद कर रो पड़े थे. वह तब अपनी मां के जीवन से जुड़े किस्से बता रहे थे.
यह बात 2015 की है, अपने अमेरिका दौरे के दौरान पीएम मोदी एक सार्वजानिक मंच पर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग (Mark zuckerberg) से मुखातिब थे. मार्क जुकरबर्ग ने पीएम मोदी से कुछ सवाल किए, जिनमें अपनी मां से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी इतने भावुक हो गए थे कि स्टेज पर ही रो पड़े. उन्हें आंसू पोंछते देखा गया. जुकरबर्ग उन्हें दिलासा देते नजर आए.
उस वक्त पीएम मोदी ने बताया था, ''हम जब छोटे थे, मेरे पिताजी का निधन हो गया. तब हमारा गुजारा करने के लिए मां पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करने, पानी भरने, मजदूरी करने जाती थी...आप कल्पना कर सकते हैं कि एक मां ने अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए कितना कष्ट उठाया होगा.''
अमेरिका में मोदी ने किया मां का जिक्र
मोदी जब यह बोल रहे थे वहां मौजूद लोगों की भीड़ भी एकाग्रचित होकर सुन रही थी. मोदी अपने आंसू पोंछने लगे तो जुकरबर्ग भी कुछ देर के लिए सन्न रह गए थे. लोगों में भी तब से पीएम मोदी की मां के बारे में जानने की दिलचस्पी बढ़ गई. उसके बाद पीएम मोदी कई बार सार्वजानिक मंच पर अपनी मां का जिक्र करते नजर आए. इसी साल 2022 में बीते 18 जून को अपनी मां के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने एक लंबा ब्लॉग लिखा.
जब मां पर लिखा भावनात्मक ब्लॉग
पीएम मोदी ने उस भावनात्मक ब्लॉग में अपनी मां के साथ बिताए हुए कुछ पलों को याद किया था. उन्होंने मां द्वारा किए गए बलिदानों को याद किया और अपनी मां की विभिन्न खूबियों का जिक्र किया था, जिससे उनके मस्तिष्क, व्यक्तित्व और आत्मविश्वास को स्वरूप मिला. मां के नाम उनके ब्लॉग की पंक्तियां की शुरूआत ऐसे हुई थी- 'मां, ये सिर्फ एक शब्द नहीं है. जीवन की ये वो भावना होती जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया होता है. दुनिया का कोई भी कोना हो, कोई भी देश हो, हर संतान के मन में सबसे अनमोल स्नेह मां के लिए होता है. मां, सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं गढ़ती बल्कि हमारा मन, हमारा व्यक्तित्व, हमारा आत्मविश्वास भी गढ़ती है और अपनी संतान के लिए ऐसा करते हुए वो खुद को खपा देती है, खुद को भुला देती है.''
100 की उम्र में भी जीती थीं अनुशासित जिंदगी
आखिर, हीराबेन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राजनेताओं में से एक की मां थीं. मगर वे ऐसी भारतीय महिला थीं, जो 100 की उम्र में भी अनुशासित जिंदगी जीती थीं. अपने बचपन से लेकर बुढ़ापे तक अपने काम खुद किया करती थीं. जब नोटबंदी हुई तो वह आमजन की तरह ही लाइनों में लगीं, वोट डालने जातीं और अपना खाना भी बनातीं. उनका पूरा जीवन संघर्षमय रहा.