भारत दौरे पर आईं डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने इन मुद्दों पर की चर्चा
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन 9 से 11 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आई हैं. शनिवार को पीएम मोदी ने डेनमार्क की समकक्ष से द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को डेनमार्क की समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन (Mette Frederiksen) के साथ नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, कारोबार, निवेश सहित द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर विस्तृत चर्चा की. फ्रेडरिक्सन आज सुबह भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची जहां विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनकी आगवानी की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हैदराबाद हाऊस में वार्ता स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी और फ्रेडरिक्सन की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ भारत और डेनमार्क के बीच हरित सामरिक गठजोड़ को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का द्विपक्षीय संवाद के लिये स्वागत किया.’’ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेटे फ्रेडरिक्सन के बीच पिछले साल स्थापित ‘हरित सामरिक गठजोड़’ के प्रगति की समीक्षा किये जाने की संभावना है.
गौरतलब है कि 28 सितंबर 2020 को डिजिटल माध्यम से हुई शिखर बैठक में भारत और डेनमार्क ने ‘‘हरित सामरिक गठजोड़’’ स्थापित किया था. दोनों पक्ष आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और बहुस्तरीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.’’
इससे पहले, फ्रेडरिक्सन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद, राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रेडरिक्सन का स्वागत किया जहां डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने सलामी गारद का निरीक्षण किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रेडरिक्सन से भेंट की.
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत की पहली यात्रा पर डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का स्वागत है. हमारा हरित सामरिक गठजोड़ इसके परिणामस्वरूप और आगे बढ़ेगा.’’ डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन 9 से 11 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आई हैं.
भारत और डेनमार्क के मजबूत कारोबारी एवं निवेश संबंध हैं. भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां मौजूद हैं, जबकि डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां हैं. दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जल एवं कचरा प्रबंधन, कृषि एवं पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डिजिटकलीकरण, स्मार्ट सिटी, पोत क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है.
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