नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद अमर सिंह का 64 वर्ष की उम्र में सिंगापुर के एक अस्पताल में आज निधन हो गया. वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था. पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए उन्हें एक ऊर्जावान नेता बताया जिसने देश के राजनीतिक उतार चढ़ावों को करीब से देखा.


पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “अमर सिंह जी ऊर्जावान नेता थे और उन्होंने पिछले कुछ दशकों में देश की राजनीति के अहम उतार-चढ़ाव काफी करीब से देखे. वह अपने जीवन में दोस्ती के लिए जाने जाते थे. उनके निधन की खबर सुनने से दुखी हूं. उनके परिवारजनों और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.





रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुःख की अनुभूति हुई है. सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी. स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंहजी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें. उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.”



वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताते हुए ट्वीट किया, "अपनी विशिष्ट कार्यशैली से भारतीय राजनीति पर अमिट प्रभाव डालने वाले मृदुभाषी राजनेता, सांसद श्री अमर सिंह जी का निधन दुःखद है. उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें. ॐ शांति!"

यूपी की राजनीति में करीब दो दशक का सफर


5 जुलाई 2016 को अमर सिंह ने राज्यसभा की सदस्यता ली थी. उनका उत्तर प्रदेश की सियासत में तकरीबन दो दशकों का सफर रहा. एक दौर था जब वे समाजवादी पार्टी के सबसे असरदार नेता थे. उन्हें मुलायम सिंह यादव का बेहद करीबी माना जाता था. वे पार्टी के महासचिव भी बने. लेकिन समाजवादी पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथों में जाने के बाद उन्हें एसपी से किनारा करना पड़ा.


6 जनवरी 2010 को उन्होंने समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. एसपी से अलग होने के बाद वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का समर्थन करने लगे थे. 27 जनवरी 1956 को आजमगढ़ के राजपूत परिवार में उनका जन्म हुआ था.


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