PM Narendra Modi wishes on Prakash Purab: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) के प्रकाश पर्व (Prakash Purab) पर देशवासियों को बधाई दी. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, 'गुरु ग्रंथ साहिब से समाज को ज्यादा न्यायपूर्ण, समावेशी और करुणामयी बनाने की शिक्षा मिलती है. पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘आज श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर सभी को, विशेषकर सिख समुदाय को मेरी ओर से बधाई. श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र शिक्षा लाखों लोगों को शक्ति देती है और हमारे समाज को अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी और दयालु बनाती है।’
आपको बता दें कि यह अवसर 1604 में पांचवें गुरु अर्जन देव की देखरेख में सिखों के पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब के संकलन के पूरा होने का प्रतीक है. पीएम मोदी ने गुरुमुखी भाषा में एक और ट्वीट करते हुए लिखा, "इस शुभ दिन पर, आइए हम गुरु ग्रंथ साहिब द्वारा बताए गए रास्तों पर चलें और अपने जीवन को सफल बनाएं." इस अवसर पर पंजाब के अमृतसर में गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब में नगर कीर्तन (धार्मिक जुलूस) का आयोजन किया गया. यह 1604 में गुरु अर्जन देव की देखरेख में, सिखों की पवित्र पुस्तक, गुरु ग्रंथ साहिब के पूरा होने का प्रतीक है.
रामसर गुरुद्वारा से स्वर्ण मंदिर अकाल तख्त साहिब तक जुलूस
इस नगर कीर्तन समारोह में, पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को एक बग्गी पर ले जाया गया और एक सिख मार्शल आर्ट टीम और एक स्कूल आर्मी बैंड ने भी प्रदर्शन किया. जुलूस का आयोजन श्री रामसर गुरुद्वारा से स्वर्ण मंदिर अकाल तख्त साहिब तक किया गया.
1604 में तैयार हुई थी ये धार्मिक पुस्तक
ये विशालकाय पुस्तक अंततः 1604 में बनकर तैयार हुई और स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में स्थापित की गई. इस धार्मिक पुस्तक (Religious Book) में संत रविदास (Sant Ravidas) , संत रामानंद (Saint Ramanand), संत भगत भिखान (Saint Bhagat Bhikhan), संत कबीर (Saint Kabir) और संत नामदेव (Saint Namdev) जैसे प्रमुख भारतीय संतों और मुस्लिम सूफी संत शेख फरीद की शिक्षाएं भी शामिल हैं. पुस्तक के पाठ को सिखों द्वारा अपने दस आध्यात्मिक नेताओं के जीवित अवतार के रूप में माना जाता है और सिख धर्म में पूजा में महत्वपूर्ण है.
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