(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
फ्रांस दौरे से पहले पीएम मोदी ने फ्रेंच अखबार को दिया इंटरव्यू, UNSC में स्थायी सदस्यता और चीन के खतरे पर भी दिया जवाब
PM Modi France Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस दौरे से ठीक पहले दिए इंटरव्यू में चीन के खतरे, भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत की सॉफ्ट पावर का जिक्र किया.
PM Modi Interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिन की फ्रांस यात्रा के लिए रवाना हो चुके हैं. इससे ठीक पहले पीएम मोदी ने फ्रांस के एक बड़े अखबार को इंटरव्यू दिया. फ्रांस के लीडिंग मीडिया समूह "लेस इकोस" को दिए इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने तमाम मुद्दों पर बात की और कहा कि ग्लोबल साउथ के अधिकारों को दुनियाभर में लंबे समय से नकारा गया है. उन्होंने कहा, ''मैं भारत को 'ग्लोबल साउथ' के लिए एक मजबूत कंधे के तौर पर देखता हूं.'' पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू के दौरान बताया कि कैसे भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है.
UNSC में स्थायी सदस्यता की वकालत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को पेरिस में बैस्टिल दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. इससे पहले उन्होंने फ्रांस के अखबार लेस इकोस को दिए इंटरव्यू में पश्चिमी देशों और ग्लोबल साउथ के बीच एक ब्रिज के तौर पर भारत की भूमिका पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा, ''ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय से नकारा गया है, यही वजह है कि इन देशों में इसका दर्द नजर आता है." इसके बाद भारत का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, ऐसे में उसे फिर से अपनी सही जगह पाने की जरूरत है.
फ्रांस के मीडिया को दिए इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की वकालत भी की. पीएम मोदी ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दुनिया की बात करने का दावा कैसे कर सकता है, जब दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश ही इसका स्थायी सदस्य नहीं है."
प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बात करते हुए कहा, 2014 के बाद से भारत को हमारी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने के मकसद से प्रमुख आर्थिक सुधारों की शुरुआत की. भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.
भारत की सॉफ्ट पावर का जिक्र
पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू के दौरान भारत की सॉफ्ट पावर का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि "दुनिया के हर कोने के दर्शन पर विचार किया जाना चाहिए और दुनिया तभी तेजी से विकास करती है जब वो पुरानी धारणाओं को छोड़ना सीखती है" पीएम मोदी ने देश के सिनेमा और संगीत की वैश्विक पहुंच, आयुर्वेद चिकित्सा के लिए नई पहलों और योग योग की दुनियाभर में सफलता का जिक्र कर कहा कि ये सब भारत की "सॉफ्ट पावर" को दिखाता है.
पीएम मोदी से इस इंटरव्यू के दौरान जब पूछा गया कि भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है, ऐसे में वैश्विक स्तर पर कैसे इसकी स्थिति बदल जाती है? इससे जवाब में उन्होंने कहा,
भारत एक समृद्ध सभ्यता है जो हजारों साल पुरानी है. आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है. भारत की सबसे मजबूत संपत्ति हमारे युवा हैं, ऐसे समय में जब दुनिया के कई देश बूढ़े हो रहे हैं और उनकी आबादी कम हो रही है, भारत के युवा और कुशल कार्यबल आने वाले दशकों में दुनिया के लिए एक संपत्ति होंगे.
अमेरिका के कैसे मजबूत हो रहे हैं रिश्ते?
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी से भारत और अमेरिका के मजबूत होते रिश्तों पर भी सवाल किया गया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ये सच है कि काफी लंबे समय से भारत-अमेरिका के रिश्ते सकारात्मक रूप से बढ़ रहे हैं, लेकिन पिछले नौ सालों में इसमें तेजी आई है और ये नए स्तर पर पहुंच गया है. दोनों देशों से इसके लिए पूरा सहयोग मिल रहा है. चाहे वो सरकार हो, संसद हो, उद्योग हो, शिक्षा जगत हो या फिर दोनों देशों के लोग... सभी रिश्तों को एक ऊंचे स्तर तक ले जाने के लिए उत्सुक हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 9 सालों में मैंने व्यक्तिगत तौर पर अलग-अलग सरकारों के साथ अमेरिकी तालमेल का एक अच्छा अनुभव किया है.
चीन के मोर्चे पर खतरे को लेकर पीएम मोदी का जवाब
चीन को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया गया. पीएम मोदी से पूछा गया कि चीन लगातार अपनी डिफेंस ताकत को बढ़ाने के लिए पैसा बहा रहा है, क्या इससे क्षेत्र में सुरक्षा को कोई खतरा है? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे हित व्यापक हैं और हमारा जुड़ाव गहरा है. हम जिस भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं उसके लिए शांति जरूरी है. भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति तरीके से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करने के लिए खड़ा रहा है. हमारा लक्ष्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता को आगे बढ़ाना है.
भारत और फ्रांस के रिश्तों पर भी बात
भारत और फ्रांस के रिश्तों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी इंडो पैसिफिक क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अहम साझेदारियों में से एक है. हम हिंद महासागर क्षेत्र में दो बड़ी शक्तियां हैं. हमारी पार्टनरशिप का मकसद एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, सुरक्षित और स्थिर इंडो पैसिफिक क्षेत्र को आगे बढ़ाना है. हम रक्षा उपकरणों समेत अन्य देशों की सुरक्षा जरूरतों का समर्थन करने के लिए भी सहयोग करेंगे. इसमें आर्थिक, कनेक्टिविटी, मानव विकास और स्टेबिलिटी की पूरी सीरीज शामिल है. ये बाकी देशों को भी शांति की साझा कोशिश के लिए आकर्षित करेगा. भारत और फ्रांस की साझेदारी के साथ यूरोपीय संघ भी शामिल होगा, जिसकी अपनी इंडो पैसिफिक रणनीति है.
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